नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा है कि सोशल मीडिया के जमाने में निजी डेटा की कोई गोपनीयता नहीं रहने के बीच शादी नाम की संस्था खतरे में पड़ रही है। न्यायमूर्ति कोहली ने हाल ही में यहां इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत में वैवाहिक संबंध से जुड़ी समस्याएं बढ़ने पर गंभीर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के जमाने में निजी डेटा साझा करने में खास गोपनीयता नहीं है। इन हालात में, शादी नाम की खूबसूरत संस्था जोखिम में पड़ रही है क्योंकि जीवनसाथी के लिए परंपरागत सांस्कृतिक मूल्य और आदर हर गुजरते दिन के साथ खत्म हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा या वैवाहिक बलात्कार के कई सारे मामले परिवार अदालतों में लंबित हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि अपने पति/ पत्नी के अधिकारों को रोकने के लिए तलाक की योजना बनाने के प्रति लोगों की नई आसक्ति समाज में बड़े पैमाने पर असुरक्षा की भावना पैदा कर रही है।