मुंबई: आरक्षण समर्थक मराठा संगठनों की ओर से मुंबई में आयोजित एक दिन का बंद आज बीच में ही वापस ले लिया गया। बंद के दौरान हिंसा भड़क जाने के बाद बंद वापस लिया गया। वहीं, महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है और मराठा आरक्षण को लेकर गंभीर है। सीएम फडणवीस ने कहा है कि सरकार को इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार है। जिस तरह से आरक्षण के मुद्दे पर हिंसा और आत्महत्या हुई वो दुखद है। सीएम फडणवीस ने आंदोलनकारियों से अपील की है की हिंसा की बजाए सरकार से बातचीत करें। इस बीच , जहरीली चीज खा लेने के एक दिन बाद आज एक और प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
पथराव और आगजनी
प्रदर्शनकारियों ने मराठा संगठनों की ओर से आयोजित बंद के दौरान मुंबई और इससे सटे ठाणे जिले सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बसों पर हमला किया, आगजनी की और लोकल ट्रेनों पर पत्थर फेंके। मराठा संगठनों ने नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की अपनी मांग को लेकर बंद आयोजित किया था। पथराव में एक पुलिस अधीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मी जख्मी हुए। प्रदर्शनकारियों ने कई घंटे तक मुंबई-पुणे और मुंबई-गोवा राजमार्ग को जाम रखा। पुलिस ने कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर - बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
नवी मुंबई पुलिस ने की हवाई फायरिंग
नवी मुंबई के कलंबोली में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान जमकर हंगामा हुआ। बेकाबू प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पथराव किया। हालात इस कदर बेकाबू हुए कि पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
हिंसा के बाद वापस लिया बंद
महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानों पर सोमवार से ही हो रहा प्रदर्शन आज मुंबई पहुंच गया जहां शहर को पूरी तरह बंद कराने की कोशिश की गई। बहरहाल , आज सुबह शुरू हुआ बंद कुछ जगहों पर हिंसा होने के कारण दोपहर तीन बजे से थोड़ा पहले ही वापस ले लिया गया। मोर्चा के नेता वीरेंद्र पवार ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘हम सिर्फ यह साबित करना चाहते थे कि हम एकजुट हैं और हमने इसे साबित भी किया। हम नहीं चाहते थे कि प्रदर्शन हिंसक हो जाए। इसलिए हम आज मुंबई में अपना बंद खत्म कर रहे हैं।’’
पवार ने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि कुछ लोगों ने राजनीतिक मंशा से हिंसक गतिविधियां की। वरना, इसे पहले ही तरह ही शांतिपूर्ण होना था। लेकिन मुंबई के बाहर से हिंसा की खबरें आने के बाद हमने इसे खत्म करने का फैसला किया।’’ मोर्चा के एक अन्य नेता ने कहा कि नौ अगस्त को फिर से बंद आयोजित किया जा सकता है , लेकिन इस बाबत अंतिम फैसला सभी मराठा मोर्चों के सभी वरिष्ठ सदस्यों से विचार - विमर्श के बाद ही किया जाएगा।
मराठा समुदाय राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली
महाराष्ट्र में करीब 30 प्रतिशत की आबादी वाला मराठा समुदाय राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली समुदाय है और वह नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहा है। इससे पहले, समुदाय के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में विभिन्न जिलों में कई रैलियां की थी।पिछले साल मुंबई में मराठा क्रांति मोर्चा ने इस सिलसिले में एक विशाल रैली आयोजित की थी। बीते रविवार को काकासाहेब शिंदे नाम का एक 27 वर्षीय प्रदर्शनकारी औरंगाबाद की गोदावरी नदी में एक पुल से कूद गया था और उसकी मौत हो गई थी। शिंदे की मौत के बाद प्रदर्शन और तेज हो गए थे।