दार्जिलिंग: दार्जिलिंग में जारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन ने दावा किया है कि अनेक लोग, अधिकतर युवा अलग गोरखालैंड राज्य के लिए अपनी जान न्यौछावर करने को तैयार हैं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जो 15 जून से यहां जारी बंद की अगुवाई कर रहा है) ने अमरण अनशन करने की धमकी दी है। पार्टी के नेताओं ने बताया कि पार्टी की युवा शाखा ने जमीनी स्तर पर युवाओं को आत्मदाह के लिए तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। जीजेएम की युवा शाखा युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रकाश गुरुंग ने कहा, हमनें जब से इस बात की घोषणा की है कि हम अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आत्मदाह की राह चुनेंगे, तब से सैकड़ों लोगों ने हमसे संपर्क किया है और पहाड़ों से कई लोगों एवं युवाओं ने हमें संदेश भेजे हैं कि वे इसके लिए अपनी जान न्यौछावर करने की इच्छा जाहिर करते हैं। (आधुनिकीकरण के लिए भारतीय सेना को चाहिए 27 लाख करोड़ रुपये)
उन्होंने कहा, इसके लिए कोई शर्त नहीं है और जो आत्मदाह करना चाहते हैं वे ऐसा अपनी शर्तों एवं इच्छाओं पर करेंगे। उन्होंने प्रस्ताव भेजने वाले लोगों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी बस कहा, आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) से मई में इस्तीफा देने वाले प्रकाश ने तेलंगाना आंदोलन की तरह ही अलग से राज्य के स्तर पर एक आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।
अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में पहले भी लोग आत्मदाह कर चुके हैं। जुलाई 2013 में 45 वर्षीय एक व्यक्ति ने कलिम्पोंग शहर अब एक जिला में दमबर चौक पर आत्मदाह कर लिया था। एक माह बाद उसकी मौत हो गई थी। वर्ष 2013 में जीजेएम के समर्थक, 32 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम एक व्यक्ति ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी लेकिन लंबे समय तक इलाज चलने के बाद उसकी जान बचा ली गई थी।