नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में जहां लॉकडाउन और वायरस के प्रकोप को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई वहीं सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम ने कहा कि भारत के राज्य तैयारी करें ,आगे आनेवाले दिनों में बहुत सारी कंपनियां और निवेशक भारत की तरफ रूख कर सकते हैं। पीएम का संकेत स्पष्ट है कि वायरस से लड़ने की चुनौती के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी वे पूरी नजर बनाए हुए हैं और हालात सुधरते ही देश अर्थव्यवस्था के ढांचे को और मजबूत करने में जुट जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, पीएम ने बैठक में कहा कि लॉकडाउन का देश को लाभ मिला है। उन्होंने लॉकडाउन पर राज्यों को संयम का मंत्र भी दिया। मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में मोदी ने संकेत दिए कि कोरोना वायरस का संक्रमण तीन मई के बाद भी ज्यादा समय तक रह सकता है और लोगों को मास्क का प्रयोग और सैनिटाइजर्स ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने की जरूरत है। भारत में लॉकडाउन का अंतिम सप्ताह चल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि देश को कोरोना वायरस से लड़ने के साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को भी महत्व देना होगा।
केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में मोदी ने कोरोना वायरस से अत्यधिक संक्रमित क्षेत्रों में दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के महत्व पर जोर दिया। 22 मई के बाद उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता की है। इसने कहा कि प्रधानमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के ‘‘सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं क्योंकि पिछले डेढ़ महीने में देश में हजारों जिंदगियां बचाई गई हैं।’’
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। आपको बता दें कि भारत के कुल 747 जिलों में से 339 जिलों में एक भी कोराना केस सामने नहीं आया है। 180 जिलों को रेड जोन में रखा गया है तो 228 जिले ऑरेंज जोन में हैं।