चंडीगढ़: नए कृषि कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को हरियाणा की खाप पंचायतों ने समर्थन दे दिया है। कम से कम 130 खाप पंचायतों ने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के मौजूदा प्रदर्शन में मंगलवार से शामिल होने का आज ऐलान किया है। खाप के प्रवक्ता जगबीर मलिक ने मीडिया से कहा, "खाप के सभी लोग पहले किसान हैं और फिर नेता। वे पहले दिन से ही किसानों के प्रदर्शन के साथ जुड़े हैं। जैसा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य के किसान प्रदर्शन के साथ नहीं जुड़े हैं, यह एक गलत बयान है। हरियाणा के किसान इस प्रदर्शन से जुड़े हुए हैं।"
मलिक ने कहा कि हरियाणा की सभी खापों ने सर्वसम्मति से प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने का निर्णय लिया है। दादरी से विधायक और सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने किसान आंदोलन को लेकर सीएम मनोहर लाल और कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान की निंदा करते हुए किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापिस लेने की मांग की, साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए।
इससे पहले दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने कहा कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके ‘मन की बात’ सुनें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते।’’ किसानों के प्रतिनिधि ने दावा किया कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं।’’