नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। वह काफी समय से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा पहुंचकर पर्रिकर को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वह भावुक भी हो गए। PM मोदी ने पर्रिकर के परिजनों से भी मुलाकात की।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर सोमवार को शोक प्रकट किया और कहा कि उन्हें उनकी सादगी और असाधारण प्रशासक के रूप में याद किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पर्रिकर के सम्मान में दो मिनट का मौन रखने के बाद कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया है कि उनके निधन से देश ने एक सक्षम प्रशासक खो दिया जिन्हें स्नेहपूर्वक ‘आम लोगों का मुख्यमंत्री’ कहा जाता था।
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प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पर्रिकर को उनकी सरलता और असाधारण प्रशासक के रूप में याद किया जाएगा। आधुनिक गोवा के निर्माण और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ पूर्व सैनिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। ’’ इसमें कहा गया है कि पर्रिकर के निधन से, देश ने एक अनुभवी और प्रतिष्ठित नेता खो दिया है। उन्हें जन साधारण के मुख्यमंत्री के रूप में भी जाना जाता है। ‘‘सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार और गोवा के लोगों के लिए मंत्रिमंडल अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करता है।”
जब भी किसी राजनीतिक दल के किसी वरिष्ठ नेता या मंत्री का निधन होता है तब केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में शोक प्रकट किया जाता है । मंत्रिमंडल ने दिल्ली और गोवा सहित सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने और राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने को मंजूरी दी है। 13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल, मडगांव में हुई और उसके बाद उन्होंने 1978 में स्नातक की उपाधि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। गौरतलब है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी आवास पर निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे। चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे।