चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के किसान महापंचायत कार्यक्रम स्थल पर रविवार को तोड़फोड़ की। हरियाणा में करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने यह तोड़फोड़ की। इस उग्र प्रदर्शन पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हिंसा करके कुछ लोगों ने किसानों को बदनाम किया है, किसान का स्वभाव ऐसे नहीं है। उन्होनें कहा कि किसानों को उकसाने के पीछे कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी है।
खट्टर ने कहा कि मैं इस महापंचायत कार्यक्रम में 100 करोड़ की योजना का ऐलान करने वाला था। उन्होनें कहा कि रैली में 5 हजार से अधिक लोगों मौजूद थे जिसमें से कुछ ने हंगामा किया। उन्होनें कहा कि हमारे राष्ट्र में एक मजबूत लोकतंत्र है जहां सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हमने किसानों और नेताओं के बयानों को कभी नहीं रोका। उनका आंदोलन चल रहा है। COVID के बावजूद हमने उनके लिए व्यवस्था की है।
खट्टर ने कहा कि प्रशासन ने इस कार्यक्रम को लेकर कल विरोध करने वाले किसानों से बात की थी। किसानों ने इस कार्यक्रम के दौरान कोई आंदोलन नहीं करने पर सहमति जताई थी। उनपर भरोसा करते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। आज इस कार्यक्रम में 5000 से अधिक लोग उपस्थित थे। लेकिन कुछ युवा अपना वादा निभाने में असफल रहे। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कोई भी बोलना चाहता है, उसमें बाधा डालना सही नहीं है। मुझे नहीं लगता कि लोग डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा दिए गए प्रावधानों के उल्लंघन को बर्दाश्त करेंगे। उन्होनें कहा कि कांग्रेस ने 1975 में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया था। उस समय लोगों ने उनके घृणित कार्य की पहचान की और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया था।
किसानों ने खट्टर के किसान महापंचायत कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘‘फायदे’’ बताने वाले थे। इससे पहले पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। बहरहाल, प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। उन्होंने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए। किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था।
भाजपा नेता रमण मल्लिक ने बताया कि बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरूनी के कहने पर किसानों के हुड़दंगी व्यवहार के कारण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने गांव में मुख्यमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। इस गांव में खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के “फायदे’’ बताएंगे। भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के तत्वावधान में किसानों ने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे। वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसान काले झंडे लिए हुए थे और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने गांव के प्रवेश स्थानों पर बैरीकेड लगा दिए ताकि वे कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाएं। स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब किसान इस बात पर अड़ गए कि वे मुख्यमंत्री को कार्यक्रम नहीं करने देंगे। पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों को शांत करने की कोशिश करते दिखाई दिए लेकिन वे मंच पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ गए। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “ हम सरकार को यह कार्यक्रम नहीं करने देंगे।“ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसानों पर पानी की बौछारें छोड़ने और आंसू गैस के गोले दगवाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर की आलोचना की।
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