नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से नए साल में भारत में और "भारतीयों के पसीने" से बने उत्पादों का दैनिक जीवन में उपयोग करने का संकल्प लेने का आग्रह किया और निर्माताओं तथा उद्योग जगत से विश्वस्तरीय उत्पाद बनाना सुनिश्चित कर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम आगे बढ़ाने को कहा। आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही। यह इस साल का आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम था।
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कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "साल 2020 में चुनौतियां खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में आपूर्ति श्रृंखला को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए।" प्रधानमंत्री ने पत्र के माध्यम से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए सुझाव भेजने वाले नागरिकों के अनुभवों को जिक्र करते हुए कहा कि लोग अब भारत में बने उत्पादों की मांग कर रहे हैं और यहां तक कि दुकानदार भी भारत में बने उत्पादों को बेचने पर जोर दे रहे हैं।
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उन्होंने कहा, "देशवासियों की सोच में कितना बड़ा परिवर्तन आ रहा है और वह भी एक साल के भीतर-भीतर। इस परिवर्तन को आंकना आसान नहीं है। अर्थशास्त्री भी इसे अपने पैमानों पर तौल नहीं सकते।"
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पीएम मोदी ने कहा कि हर नए साल में देशवासी कोई न कोई संकल्प लेते हैं और इस बार भारत में बने उत्पादों का इस्तेमाल करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, "मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि दिनभर इस्तेमाल होने वाली चीजों की आप एक सूची बनाएं। उन सभी चीजों की विवेचना करें और यह देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है तथा एक प्रकार से हमें बंदी बना दिया है। भारत में बने इनके विकल्पों का पता करें और यह भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों के पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें।"
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प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया है और निर्माताओं तथा उद्योग जगत कक लिए ‘‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’’ की सोच के साथ काम करने का उचित समय है। उन्होंने कहा, "वोकल फॉर लोकल आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों। जो भी विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, वो हम भारत में बनाकर दिखाएं। इसके लिए हमारे उद्यमी साथियों को आगे आना है। स्टार्टअप को भी आगे आना है।" उन्होंने ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ की भावना को बनाए रखने, बचाए रखने और बढ़ाते ही रहने का देशवासियों से आह्वान किया।