नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। 'मन की बात' का ये कार्यक्रम इसबार कोरोना संक्रमण की दूसरी प्रचंड लहर के बीच हुआ। कार्यक्रम का मुख्य फोकस भी कोरोना वायरस ही रहा। पीएम ने आज के कार्यक्रम में देशभर में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे कोरोना योद्धाओं से बातचीत कर जागरुता फैलाने का प्रयास किया। कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, "मन की बात ऐसे समय कर रहा हूं जब कोरोना सभी के धैर्य और दुख को बर्दास्त करने की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने असमय छोड़कर चले गए, पहली वेव का सफलता पूर्वक मुकाबला करने के बाद देश आत्मविश्वास से भरा था लेकिन इस तूफान ने देश को झोकझोर दिया।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "साथियों, बीते दिनों इस संकट से निपटने के लिए, मेरी, अलग-अलग sectors के expert के साथ, विशेषज्ञों के साथ लम्बी चर्चा हुई है। हमारी pharma- industry के लोग हों, vaccine manufacturers हों oxygen के production से जुड़े लोग हों या फिर medical field के जानकार, उन्होंने, अपने महत्वपूर्ण सुझाव सरकार को दिए हैं।"
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने मुम्बई के प्रसिद्द डॉक्टर शशांक जोशी से बातचीत की। उन्होंने कार्यक्रम में बताया कि ये जो दूसरीwave आई है। ये तेजी से आई है, तो जितनी पहली wave थी उससे ये virus ज्यादा तेज चल रहा है, लेकिन अच्छी बात ये है कि उससे ज्यादा रफ़्तार से recovery भी है और मृत्यु दर काफी कम हैं।
डॉ. शशांक ने बताया कि पहली और दूसरी लहर में में 2-3 अंतर हैं, एक तो यह युवाओँ और बच्चों में भी दिखाई दे रहा है, पहले वाले लक्ष्ण तो हैं ही जैसे सांस चढ़ना सूखी खांसी और बुखार ये तो सारे हैं ही इसके साथ गंध जाना और स्वाद जाना भी है। लोग भयभीत हैं लेकिन भयभीत होने की जरूरत नहीं है, 80-90 प्रतिशत लोगों में कोई लक्ष्ण नहीं दिखाई दे रहे, जैसे हम कपड़े बदलते हैं वैसे वायरस भी रंग पदल रहा है। सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत है।