नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से बातचीत की। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत देशावासियों को एक अच्छी खबर देकर की। पीएम मोदी ने कहा, "आज मैं आप सबके साथ एक खुशखबरी साझा करना चाहता हूं। हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा, कनाडा से वापस भारत आ रही है। यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब, वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गयी थी। मैं कनाडा की सरकार और इस पुण्य कार्य को संभव बनाने वाले सभी लोगों का इस सह्दयता के लिए आभार प्रकट करता हूं।"
पीएम मोदी ने आगे कहा, "माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही मारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, इंटरनेशनल गिरोहों का शिकार होती रही हैं। ये गिरोह अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन्हें बहुत ऊंची कीमत पर बेचते हैं। अब इन पर सख्ती तो लगाई ही जा रही है, इनकी वापसी के लिए भारत ने अपने प्रयास भी बढ़ाए हैं। ऐसी कोशिशों की वजह से, बीते कुछ सालों में भारत कई प्रतिमाओं और कलाकृतियों को वापस लाने में सफल रहा है।"
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में Jonas Masetti का जिक्र किया, जिन्हें विश्वनाथ के नाम से भी पहचाना जाता है। पीएम मोदी ने कहा, "भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए। मुझे Jonas Masetti के काम के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें 'विश्वनाथ' के नाम से भी जाना जाता है।"पीएम मोदी ने बताया, "जॉनस ब्राजील में लोगों को वेदांत और गीता सिखाते हैं। वे विश्वविद्या नाम की एक संस्था चलाते हैं, Rio De Janeiro से घंटेभर की दूर पर Petropolis के पहाड़ो में स्थित है। जॉनस ने मैकेनिकल Engineering की पढ़ाई करने बाद, स्टॉक मार्केट में अपनी कंपनी में काम किया, बाद में उनका रुझान भारतीय संस्कृति और खासकर वेदांत की तरफ हो गया। स्टॉक से लेकर Spirituality तक वास्तव में उनकी एक लंबी यात्रा है।"