नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को नाकाफी और चिंताजनक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समाज में ‘गहराती आशंकाओं’ को दूर करने और देश को फिर से एक सौहार्दपूर्ण तथा आपसी भरोसे वाला समाज बनाने का आग्रह किया जिससे अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिल सके।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे देश के लोगों की आकांक्षा 8-9 प्रतिशत वृद्धि की है। जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में 5 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही जो चिंताजनक है। केवल आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें भी कम है। यह सरकार के लिए कई पीढ़ीयों बाद आने वाले आर्थिक अवसर की तरह है जहां वह देश के आर्थिक विकास को अगले चरण में ले जा सकती है और करोड़ों युवाओं के लिए नयी नौकरियों का सृजन कर सकती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को सीधा संदेश देते हुए कहा , ‘‘हमें अपने समाज के मौजूदा भय के माहौल को बदलकर भरोसे वाला बनाने की जरूरत है।’’ सिंह ने आर्थिक स्थिति को गहरी चिंता का विषय बताने के साथ ही कहा कि समाज की स्थिति तो इससे भी ज्यादा चिंताजनक है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज वह एक चिंतित नागरिक और एक अर्थशास्त्री के रूप में बात कर सकते हैं और इस महत्वपूर्ण विषय के लिए राजनीति को अगल रखकर बातचीत कर सकते हैं।
भाजपा की समझ में GDP का मतलब ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’: कांग्रेस
कांग्रेस ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी के गिरकर 4.5 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि भाजपा की नजर में जीडीपी का मतलब ‘ गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ होता है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है। यह पिछले छह वर्षों में किसी भी तिमाही में सबसे कम जीडीपी दर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा जश्न क्यों मना रही है? क्योंकि जीडीपी के बारे में उनकी समझ ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ है जो उन्हें दोहरे अंक में विकास दर का अहसास कराता है।’’
गौरतलब है कि देश में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी।