नई दिल्ली: देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट की आशंका के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज लोगों को सचेत किया कि बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय के मद्देनजर सबसे बुरा पहलू अभी आना शेष है। नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि 8 नवंबर की कैबिनेट की बैठक का कोई रिकॉर्ड नहीं है जिसमें सरकार ने कहा है कि उसने बड़े नोटों को अमान्य करने का निर्णय किया।
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कांग्रेस के जन वेदना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को आपदा करार दिया और कहा कि चीजें खराब से बहुत खराब हो गई हैं और इसका सबसे बुरा पहलू अभी आना शेष है। उन्होंने इस बारे में दावों को खोखला और मोदी का दुष्प्रचार करार दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि वे लोगों को इस बारे में बताएं कि मोदी सरकार क्या गलत चीजें कर रही हैं और इस बारे में देशवासियों को उठ खड़ा और जागृत होने को आह्वान किये जाने की जरूरत है।
सिंह और चिदंबरम दोनों ने कहा कि नोटबंदी के कारण सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आयेगी। चिदंबरम ने अपने संबोधन में कहा कि आठ नवंबर की कैबिनेट की बैठक का कोई रिकार्ड नहीं है। कैबिनेट नोट कहां है। कैबिनेट का फैसला कहां है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा तमाशा कभी नहीं किया गया। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई की प्रतिष्ठा आज दांव पर है। केंद्रीय बैंक के साथ मतभेद रहे हैं लेकिन पहले कभी सरकार ने आरबीआई के साथ भारत सरकार के एक विभाग के रूप में व्यवहार नहीं किया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि जीडीपी में एक प्रतिशत की गिरावट से देश को 1.5 लाख करोड़ रूपये का नुकसान होगा।
चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से पेश प्रत्येक चुनौती का सामना कांग्रेस को पूरे साहस और बुद्धिमता से करना चाहिए। उन्होंने कहा, केवल कांग्रेस पार्टी इस चुनौती का मुकाबला कर सकती है। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के दौरान एक बयान भी जारी किया जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि अमान्य किये गए बड़े नोटों का कितना प्रतिशत कालाधन था क्योंकि अमान्य की गई मुद्रा बैंकों में जमा हो चुकी है।
इसमें कहा गया है कि इससे सरकार के दावों का खोखलापन बेनकाब होता है। प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ मसीहा के रूप में पेश किया जा रहा है जबकि वे विदेशों में जमा अघोषित धन और पैसे को वापस लाने के वादे को पूरा करने में विफल रहे।
कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह कह कर भारत की छवि को खराब किया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मूल रूप से कालाधन पर आधारित है। पार्टी ने कहा, यह चिंता का विषय है कि नोटबंदी के 50 दिनों की अवधि में भाजपा के कुछ भ्रष्ट नेताओं, कालाबाजारियों और बैंक अधिकारियों के अपवित्र गठजोड़ को विभिन्न मीडिया चैनलों ने दिखाया जो नोटों को अवैध रूप से बदलने में लगे थे। इसमें कहा गया है कि भ्रष्ट कालाधनधारकों के लिए बैंकों के पिछले दरवाजे खुले जबकि आम आदमी अपनी बारी का इंतजार करते हुए सामने कतारों में खड़े थे।
कांग्रेस पार्टी ने अपने बयान में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निजी भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। बयान के अनुसार, साक्ष्य होने के बावजूद मोदी सरकार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच क्यों नहीं करा रही है। प्रधानमंत्री मोदी को अगर कुछ भी छिपाना नहीं है तब वे इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने के लिए आगे क्यों नहीं आते।
नोटबंदी पर पार्टी ने कहा कि इसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बाधित हुई है, पटरी से उतर गई है और रूकने की दशा में हैं। कृषि, विनिर्माण एवं अन्य क्षेत्रों के लाखों की संख्या में मजदूरों की नौकरियां चली गई है।बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है और वे इंकार की मुद्रा में हैं जबकि लाखों की संख्या में लोग 60 दिनों से बैंकों और एटीएम की कतरों में खड़े हैं। वादे के अनुरूप लोगों को पैसा नहीं मिल रहा है।