गुरुवार को दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में एक्सिलेंस इन स्कूल एजुकेशन विषय पर भाषण देते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि संविधान में लिखी गई बातों को सच करने वाली शिक्षा ही गुणवत्ता वाली शिक्षा है। बच्चों को ऐसी शिक्षा मिले, ये मेरा सपना है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। आईआईटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि शिक्षा का असली मकसद यही है कि संविधान के माध्यम से देश के भविष्य को लेकर देखे गए सपने को सच किया जा सके। इस कार्यक्रम में देशभर से 700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्यों और अनेक शिक्षा से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मानव जाति के लिए इससे बढ़िया सपना और कुछ नहीं हो सकता जो हमने अपनी संविधान की संकल्पना में लिखा है। मैं इसे मोबाइल में रखता हूं। सरकार चलाने में जब हमारे सामने अड़चनें आती हैं, तब इसे जरूर पढ़ लेता हूं। इससे मुझे प्रेरणा मिलती है कि मैं तो इस सपने को पूरा करने ही आया हूं।
सिसोदिया ने आगे कहा कि संविधान की ये बातें थाने के सामने नहीं लिखी जाती, जेल में भी नहीं लिखी जाती, अवॉर्ड फंकशनों में भी नहीं लिखी जाती। इन्हें हमारे बच्चों की किताबों में लिखा जाता है, तो इसका कुछ उद्देश्य है। हमें इस उद्देश्य को समझना होगा। एक शिक्षक के दिमाग में साफ होना चाहिए कि अगर किताब में एटॉमिक एनर्जी की बात पढ़ा रहा हूं तो इसका संविधान की संकल्पना में लिखे सपने को सच करने से क्या लेना-देनो है।