नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहले तो पाकिस्तान के लाहौर में भारत सरकार का मजाक उड़ाया और फिर भारत लौटकर दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शनकारियों को उकसाने का काम किया। यहां उन्होंने पीएम मोदी को बिना नाम लिए कातिल तक बता दिया। अय्यर ने कहा कि “जो भी कुर्बानियों देनी हों, उसमें मैं भी शामिल होने के लिए तैयार हूं। अब देखें कि किसका हाथ मजबूत है, हमारा या उस कातिल का।” उन्होंने कहा कि “इनका (सरकार का) मकसद है कि आप लोगों को तंग किया जाए। शहीन बाग के रहने वालों से सवाल पूछा जाएगा जो हिंदुओं से नहीं पूछा जाएगा। आपको मुबारक बाद देना चाहता हूं कि आपने इस बात को समझ लिया है कि इन नापाक लोगों का मकसद क्या है।”
लाहौर में की भारत की बुराई
वहीं, इससे पहले लाहौर में उन्होंने कहा कि “मैं अपन देश के माहौल को देखकर काफी निराश हूं। मुझे ऐसा नहीं लगता कि 2014 के बाद मैं उसी मुल्क में रह रहा हूं, जहां मैं 1941 में पैदा हुआ और 6 साल की उम्र में खुद को आजाद भारत का नागरिक महसूस किया।” अय्यर ने कहा कि “मैं काफी आशा के साथ आया हूं क्योंकि भारत में पिछले चार हफ्ते के दौरान जो कुछ हुआ उसमें वो पापुलर काउंटर रिवोल्यूशन है। उन्होंने कहा कि “अब देश को विचाराधार के नाम पर बांटा जा रहा है।
'महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों को चुनौती'
अय्यर ने कहा कि “भारत का जो विचार महात्मा गांधी और नेहरू ने आजादी के बाद सौंपा था। लेकिन, इसकी खोज काफी पहले हो चुकी थी। अब इसे हिंदुत्व के उस विचार से चुनौती मिल रही है, जो 100 साल पहले 1923 में पनपा था और इसे अचानक जीत मिली। वो भी तब, जब 90 साल तक जनता ने धर्म के आधार पर नागरिकता के इस विचार को स्वीकर नहीं किया। अय्यर ने कहा कि “पिछले तीन हफ्तों से सरकार के विरोध में जो क्रांति देखी जा रही है, उसमें साउथ वेस्ट दिल्ली के शाहीन बाग का प्रोटेस्ट काफी असरदार है। वहां महिलाएं पिछले तीन हफ्तों से लगातार 24 घंटे प्रदर्शन कर रही हैं।”
लाहौर में रोहिंग्या मुस्लिमों का राग अलापा
अय्यर ने कहा कि “जब CAA (नागरिकता सशोधन कानून) लाया गया तो भाजपा की तरफ से कहा गया कि इसका किसी भारतीय से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन एक्ट कहता है कि एक तरफ जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भागकर आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी। वहीं, दूसरी तरफ कहा गया कि इसका किसी भारतीय से कोई लेना देना नहीं, लेकिन एक्ट कहता है कि मुस्लिम शरणार्थी शामिल नहीं होगा और रोहिंग्या इसका उदाहरण है। हमारे देश में 36 हजार से 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम हैं लेकिन उन्हें शरण नहीं मिलेगी।”
PoK पर भी सरकार के खिलाफ बोले
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि “फिलहाल, ऐसा नहीं लगता कि भारत PoK के बारे में सोच रहा है क्योंकि मोदी के साथ काफी बुद्धिमान लोग मौजूद हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी ये सुझाव देगा कि भारत की समस्याओं का हल चूंकी जनवरी-फरवरी के दौरान ऐसा लगता था कि जो नतीजे आए, उसके काफी अलग परिणा रहने वाला है। पुलवामा आतंकी हमले के दौरान और फिर डेवलपमेंट हुआ, उसके बाद तो मोदी के लिए सपोर्ट बढ़ता चला गया, इसलिए हम कन्फ्यूज थे ऐसे नतीजे कैसे आए गए।” ये सभी बातें अय्यर ने लाहौर में बोलीं।