नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कर्नाटक के मंगलुरू में हुई हिंसा का सच सामने आया है। पिछले हफ्ते यहां सीएए के विरोध में हुई हिंसा में दो लोगों की जान चली गई थी। लेकिन अब इस हिंसा से जुड़े कुछ सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, जिससे पता चलता है कि मंगलुरू में हुई हिंसा एक पूर्व नियोजित साजिश थी। यहां पथराव के लिए पत्थर एक टैंपो में भरकर लाए गए थे। इसके साथ ही उपद्रवियों ने हिंसा की साजिश को नजरों से छिपाने के लिए घरों और सड़क किनारे लगे सीसीटीवी से भी छेड़छाड़ की गई थी।
मंगलुरू पुलिस ने हिंसा के करीब एक हफ्ते के बाद ये जानकारी सामने आई है। इससे पहले जेडीएस और कांग्रेस के नेता लगातार कह रहे थे कि प्रदर्शनकारी मासूम लोग थे। लेकिन जो तस्वीरें सामने आई हैं उसे देखकर यही लग रहा है कि ये सब सोची समझी साजिश के तहत दंगाइयों ने किया है। मंगलुरू पुलिस के मुताबिक एक-एक दंगाई को पहचान लिया है, अब उन पर कार्रवाई की जा रही है।
हिंसा से जुड़ी जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ पता चल रहा है कि हिंसा वाली जगह पर टेंपो में भरकर पत्थर लाए गए थे। ताकि पुलिस पर पत्थरबाजी की जा सके। दंगाई टेंपो में भरकर पत्थर लाते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं। टेपों में कई बोरों में पत्थर भरे थे। वहीं बाजारों में लगे CCTV कैमरों का डायरेक्शन भी चेंज किया गया ताकि हिंसा की तस्वीरें उसमें कैद ना हो पाएं। सीसीटीवी कैमरे में डायरेक्शन चेंज करते हुए दंगाई कैद हुए हैं।