नई दिल्ली। भारत को विजय माल्या और नीरव मोदी को भारत लाने में फिलहाल कोई सफलता न मिली हो, लेकिन बैंकों से धोखाधड़ी कर भागे एक और कारोबारी को पकड़ने में जरूर सफलता मिली है। इंडोनेशिया ने पिछले हफ्ते उद्योगपति विनय मित्तल को प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को सौंपा है। विनय मित्त पर भारतीय बैंकों से 40 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। मामला खुलने के बाद से ही विनय मित्तल इंडोनेशिया में छुपा हुआ था। भारत ने इंडोनेशिया की सरकार से मित्तल के प्रत्यर्पण की मांग की थी। जिसके बाद इंडोनेशिया उसे भारत को सौंपा।
सूत्रों के मुताबिक कॉरपोरेशन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने मित्तल के खिलाफ सीबीआई में मामला 2014 और 2016 में दर्ज किया गया था। दिल्ली और गाजियाबाद की अदालत में मित्तल के खिलाफ 7 चार्जशीट भी दाखिल हुई थीं। जिसके बाद से वह फरार था। इसके बाद इंटरपोल ने भी मित्तल के खिला फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद लंबी तलाश के बाद एजेंसियों को उसके इंडोनेशिया के बाली में परिवार के साथ रहने की जानकारी मिली।
रेडकॉर्नर नोटिस के चलते इस साल जनवरी में इंडोनेशिया की पुलिस ने मित्तल को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से भारतीय एजेंसी उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही थी। हाल ही में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मित्तल के प्रत्यर्पण को मंजूरी प्रदान कर दी थी।