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दिल्ली: घर तोड़ने पहुंचे अधिकारी से झड़प के बाद पति ने दे दी जान, पत्नी सदमे में

दिल्ली के बवाना इलाके के स्थित बरवाना की आनंद विहार कॉलोनी में गुरुवार को प्रशासन का बुलडोजर चला और तकरीबन 26 मकान तोड़ दिए गए।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published on: June 28, 2019 14:34 IST
Man kills self over demolition drive in Bawana of Delhi | India TV- India TV Hindi
Man kills self over demolition drive in Bawana of Delhi | India TV

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के बवाना इलाके के स्थित बरवाना की आनंद विहार कॉलोनी में गुरुवार को प्रशासन का बुलडोजर चला और तकरीबन 26 मकान तोड़ दिए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 और 25 जून को इन्हें मकान खाली करने के लिए नोटिस दिए गए थे। गुरुवार सुबह 9 बजे के बाद मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई, जिसके बाद इलाके के लोगों से कार्रवाई करने गए लोगों की झड़प हुई। झड़प के दौरान ही एक शख्स ने कोई केमिकल पी लिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। 

शख्स की मौत के बाद भड़का लोगों का गुस्सा

बताया जाता है कि मृत शख्स का नाम सूर्य नारायण है और वह इस इलाके में एक नेता के तौर पर जाना जाता था। कॉलोनी को टूटने से बचाने के लिए सूर्य नारायण ने कई बड़े नेताओं के यहां चक्कर भी काटे थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। गुरुवार को मकान खाली कराने गए सराकरी कर्मचारियों के साथ झड़प के दौरान उसने कोई केमिकल अपने शरीर के ऊपर डाल लिया, और उसमें से कुछ पी भी लिया जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई, और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। सूर्य नारायण की पत्नी भी सदमे के चलते अस्पताल में भर्ती है।

मृतक सूर्य नारायण की पत्नी भी सदमे में है और अस्पताल में भर्ती है | India TV

मृतक सूर्य नारायण की पत्नी भी सदमे में है और अस्पताल में भर्ती है | India TV

लोगों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
लोगों का कहना है अस्पताल 10 मिनट की दूरी पर होने के बावजूद पुलिस पति-पत्नी को लेकर 1 घंटे में वहां पहुचीं। लोग सूर्य नारायण की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कॉलोनी को बचाने के लिए मृतक ने कुछ समय पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट भी किया था, लेकिन कोई मदद नहीं हुई। स्थानीय निवासी एसडीएम पर भी आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि रोड का नक्शा सीधा था, लेकिन मेन रोड पर बिल्डिंग वालों को फायदा पहुचाने के लिए नक्शा बदला गया और इनके मकानों को रास्ते में अवैध बताकर तोड़ दिया गया।

30 साल पुरानी है कॉलोनी, बिजली-पानी का कनेक्शन भी
लोगों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यह कॉलोनी करीब 30 साल पुरानी है। लोग यहां बीते कई सालों से रह रहे हैं एवं बिजली और पानी की सुविधा भी मौजूद है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद लोग अब सड़क पर हैं। इन आक्रोशित लोगों की मांग है कि उन्हें दूसरे मकानों में शिफ्ट किया जाए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब तक उन्हें रहने के लिए जगह, मृतक के घरवालों को नौकरी और मुआवजा नहीं मिल जाता, वे यूं ही लड़ाई लड़ते रहेंगे।

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