नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली जानवर को परेशान करने का नतीजा कितना गंभीर हो सकता है ये कर्नाटक में सामने आया। कर्नाटक के कोलार जिले के मारीदाघट्टा गांव में चार हाथियों का एक झुंड घुस आया था। लोगों ने हर बार की तरह शोर मचाकर और पटाखे फोड़कर हाथियों को वापस जंगल में खदेड़ने की कोशिश की। जंगल के करीब गांव होने की वजह से ना तो यहां हाथियों के झुंड का आना नई बात है और ना ही गांववालों का इस तरह उन्हें जंगल में खदेड़ देना लेकिन इस बार इंसानी हरकत ने हाथियों को गुस्से से भर दिया।
पटाखों के धमाकों और लोगों के शोर के बीच हाथियों में अफरा-तफरी मच गई और वो नदी से निकल कर भागने लगे लेकिन एक हाथी वापस नदी की तरफ मुड़ गया। तभी शोर मचाते लोगों के बीच से एक शख्स भी नदी में उतर गया और हाथियों के करीब जाकर उन्हें भगाने की बहादुरी दिखाने लगा। पहले तो हाथी दोबारा नदी से निकल जाता है लेकिन अचानक से वो बौखला गया और वापस नदी में उतर गया और नदी में उतरे शख्स का पीछा करना शुरू कर दिया।
हाथी को शख्स का पीछा करता देख गांव के लोग उसे बचाने भागते हैं। नदी में उतरा शख्स भी जी जान लगाकर किनारे की तरफ भागता है लेकिन इसी बीच बौखलाया हाथी भी किनारे तक पहुंच गया और वहां मौजूद लोगों की भीड़ को देखकर हाथी पूरी तरह बेकाबू हो गया। उसके बाद जो हुआ उसकी कल्पना भी शायद किसी ने नहीं की होगी।
अफरा-तफरी और भगदड़ में एक पचपन साल के शख्स का संतुलन बिगड़ गया और गिर पड़ा। उस हाथी का गुस्सा इस पचपन साल के शख्स पर फूट पड़ा। हाथी उसे पैरों से कुचलकर सूड़ से हवा में उछाल दिया। गांव के दूसरे लोग जबतक शख्स को बचाने के मकसद से उसके पास पहुंचते तबतक बहुत देर हो चुकी थी। शख्स हाथी के गुस्से का शिकार हो चुका था और उसकी मौत हो चुकी थी। जानकारी के मुताबिक हाथी के गुस्से का शिकार हुए पचपन साल के शख्स का नाम किट्टप्पा है। पुलिस ने पूरे मामले में मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की जानकारी वन विभाग को भी दी गई है।