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Corona काल में 1100 किमी दूर पड़ा पत्नी का एग्जाम सेंटर, पति ने ऐेसे समय पर पहुंचाया

धनंजय चाहता है कि उसकी पत्नी परीक्षा दे, मगर कोरोना के कारण परिवहन सुविधा बंद होने पर उसके लिए ग्वालियर पहुंचना मुश्किल था। 

Written by: IANS
Published on: September 03, 2020 19:15 IST
man drives scooty for 1100 km to drop wife to exam centre  । Corona काल में 1100 किमी दूर पड़ा पत्नी- India TV Hindi
Image Source : PTI Representational Image

ग्वालियर. इरादा बुलंद हो तो मुसीबतें भी मंजिल की तरफ बढ़ने से रोक नहीं पातीं। इसकी मिसाल पेश किया है झारखंड का धनंजय मांझी। धनंजय की पत्नी सोनी गर्भवती है और वह ग्वालियर आकर डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीईएलडीएड) के द्वितीय वर्ष की परीक्षा देना चाहती थी। पति ने साढ़े 11 सौ किलोमीटर स्कूटी चलाकर उसकी इच्छा पूरी की।

धनंजय चाहता है कि उसकी पत्नी परीक्षा दे, मगर कोरोना के कारण परिवहन सुविधा बंद होने पर उसके लिए ग्वालियर पहुंचना मुश्किल था। लेकिन धनंजय ने स्कूटी से ही पत्नी को झारखंड के गोंडा से मध्यप्रदेश के ग्वालियर तक का रास्ता तय कर डाला। उसने बताया कि स्कूटी में दो हजार रुपये से ज्यादा का पेट्रोल खर्च हुआ।

धनंजय की पत्नी सोनी ग्वालियर के एक प्राइवेट कॉलेज से डीईएलडीएड कर रही है। उसका दूसरा साल है। सोनी को सात माह का गर्भ है। धनंजय रसोइया का काम करता है। वह चाहता है कि उसकी पत्नी पढ़े और सरकारी नौकरी पाए।

धनंजय ने बताया कि पत्नी को परीक्षा दिलानी थी, कोरोना के कारण परिवहन का कोई साधन नहीं मिला। बस वाले ने ग्वालियर तक के लिए प्रति सवारी 15 हजार रुपये मांगे। इतनी रकम उसके लिए दे पाना संभव नहीं था। इन स्थिति में उसने तय किया कि वह स्कूटी से ग्वालियर जाएगा। उसकी माली हालत अच्छी नहीं है, वह पत्नी के जेवर गिरवी रखकर कुछ रुपये जुटाए और चल दिया ग्वालियर के लिए।

सोनी खुद पढ़ाई करके नौकरी करना चाहती है और धनंजय उसे पूरी मदद कर रहा है। धनंजय बताया कि वह खुद पढ़ नहीं पाया, इसलिए चाहता है कि पत्नी सोनी ही पढ़ाई कर नौकरी करे। यह परीक्षा पास करने के बाद सोनी को शिक्षिका की नौकरी मिल सकती है।

ग्वालियर में परीक्षा 12 सितंबर तक चलनी है। इसके लिए धनंजय ने एक कमरा किराए पर लिया है और उसकी पेशगी के तौर पर 15 सौ रुपये दिए हैं। उसने सड़क मार्ग से स्कूटी से लगभग साढ़े 11 किलोमीटर का रास्ता तय किया है। वह झारखंड के गोंडा जिले के टोला गांव का रहने वाला है, जो बांग्लादेश की सीमा पर है। धनंजय पत्नी को बिठाकर झारखंड से स्कूटी चलाते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश के रास्तों से होता हुआ ग्वालियर पहुंचा। इस दौरान हालांकि उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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