कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि ममता बनर्जी को BJP से डर लगता है। दिलीप घोष ने यहां तक कह दिया है कि अगले साल ममता बनर्जी एक बार फिर से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की शपथ नहीं ले पाएंगी। अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और दिलीप घोष का यह बयान एक तरह से ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव के लिए सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
दिलीप घोष ने यहां तक कहा कि ममता बनर्जी दूसरी पार्टी के नेताओं से अपील कर रही हैं कि वे उनकी पार्टी तृणमूल काग्रेस में शामिल हों लेकिन कोई भी उनकी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा है। दिलीप घोष ने कहा कि मंगलवार को ममता बनर्जी ने जो भाषण दिया है उस भाषण के 95 प्रतिशत हिस्से में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का जिक्र किया गया है जिसका मतलब है कि ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी से डर गई हैं।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा नीत राजग सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों एवं धन बल का इस्तेमाल करके विपक्ष शासित राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने के प्रयास के लिए ‘‘साजिश रच’’ रही है। बनर्जी ‘शहीद दिवस’ पर तृणमूल कांग्रेस की एक आनलाइन रैली को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने परोक्ष तौर पर भाजपा की ओर इशारा करते हुए घोषणा की कि पश्चिम बंगाल ‘‘बाहरी’’ नहीं बल्कि उसके अपने लोगों द्वारा शासित किया जाता रहेगा। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को संसाधनों से वंचित किया है और कहा कि जनता राज्य के साथ किये गए अन्याय के लिए उसे उचित जवाब देगी। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा बंगाल की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का इस्तेमाल करके एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। भाजपा देश की अब तक की तोड़फोड करने वाली सबसे बड़ी पार्टी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब देश कोविड-19 महामारी से लड़ने में व्यस्त है, भाजपा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने में व्यस्त है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजराती मूल की ओर इशारा करते हुए राजस्थान में राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘गुजरात को सभी राज्यों पर शासन क्यों करना चाहिए? संघीय ढांचे की क्या जरूरत है? एक राष्ट्र-एक पार्टी प्रणाली बना दें।’’