Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. ममता ने सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की

ममता ने सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की अपनी राजनीतिक मुहिम के तहत बुधवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की चेयरमैन सोनिया गांधी समेत विपक्षी पार्टियों के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की।

Edited by: India TV News Desk
Published on: August 02, 2018 8:33 IST
ममता ने सोनिया गांधी...- India TV Hindi
ममता ने सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की अपनी राजनीतिक मुहिम के तहत बुधवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की चेयरमैन सोनिया गांधी समेत विपक्षी पार्टियों के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की। इसके साथ ही ममता ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अगले साल लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराना है और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का मुद्दा बाद में साथ मिलकर सुलझाया जाएगा। उन्होंने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में 40 लाख लोगों के नाम नहीं होने पर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि वे लोग आग से खेल रहे हैं और जिनके नाम एनआरसी में शामिल नहीं हैं, उनके खिलाफ शत्रुतापूर्ण शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

राहुल, सोनिया कोे दिया निमंत्रण

बनर्जी ने व्यक्तिगत तौर पर 19 जनवरी को होने वाली रैली में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं को निमंत्रण दिया। यह रैली कोलकाता में होनी है। बनर्जी ने राहुल व सोनिया से मुलाकात के बाद कहा, "एक सामूहिक चेहरा (प्रधानमंत्री पद के लिए) होगा। हम एक सामूहिक परिवार हैं। भाजपा को हराना हमारी प्राथमिकता होगी। हम संसद में एकसाथ लड़ सकते हैं, तो बाहर क्यों नहीं..मैं यहां अपने प्रदेश के बारे में बात करने नहीं आई हूं।" बनर्जी ने शिवसेना, अन्नाद्रमुक, समाजवादी पार्टी, तेदेपा, वाईएससीआरपी, द्रमुक, केरल कांग्रेस-मणि के नेताओं से मुलकात की। उन्होंने कर्नाटक भवन में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी देवगौड़ा से और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से संसद भवन में उनके चेंबर में मुलाकात की। 

भाजपा राजनीतिक रूप से तनावग्रस्त

ममता ने कहा, "जब भी मैं दिल्ली आती हूं, मैं सोनियाजी से मुलाकात करती हूं, क्योंकि राजीव गांधी से मेरे बहुत पुराने संबंध थे। हमने राजनीतिक मामले पर भी बातचीत की कि हम कैसे साथ लड़ सकते हैं। मैं कांग्रेस के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती या कांग्रेस क्या निर्णय करना चाहती है। जहां, जो मजबूत होगा वह चुनाव लड़ेगा।" भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक रूप से नर्वस और तनावग्रस्त है। उन्होंने कहा, "यही कारण है कि जो भी भाजपा इन दिनों कहती है, उसे पता है कि वह 2019 में सत्ता में नहीं आने वाली है। अगर वह जवाबदेही के साथ बात करेंगे, तो हम भी उनसे बात करेंगे। अगर वे हमें गाली देंगे तो हम बात नहीं करेंगे। मैं अपने राज्य में 500 दलों के विरुद्ध लड़ सकती हूं। प्रधानमंत्री का निर्णय बाद में होगा, पहली लड़ाई चुनाव लड़ने की है।" उन्होंने कहा कि उन्होंने सोनिया गांधी से एनआरसी से बाहर रह गए लोगों के बारे में बात की।

केंद्र से भाजपा सरकार को हटाना

ममता ने कहा, "हमने 40 लाख मतदाताओं के भाग्य के बारे में बात की, जिन्हें यहां से भेजने का निर्णय किया जा रहा है। ये लोग बिहार, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के हैं। अगर इन लोगों को यहां से भेजा गया, तो भाजपा क्या चाहती है? क्या वह शांति चाहती है या गृह युद्ध चाहती है?" इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने उनके प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के बारे में की जा रही चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता केंद्र में भाजपा सरकार को हटाना है और इसके लिए विपक्ष को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने संसद भवन में मीडिया से कहा, "मैं कोई नहीं हूं। मैं बहुत सामान्य कार्यकर्ता हूं। मुझे एक आम आदमी रहने दीजिए। इस सरकार, भाजपा सरकार को अवश्य ही जाना चाहिए। वे लोग के साथ अधिकतम राजनीतिक प्रतिशोध और अत्याचार कर रहे हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि सभी को संगठित होना चाहिए। चलिए, साथ मिलकर काम करते हैं। प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में मत सोचिए। देश के बारे में सोचिए।"

 'गृह युद्ध' और खून-खराबा शुरू हो जाएगा

ममता ने कहा, "उन्होंने कुल आबादी के 20-25 प्रतिशत लोगों के नाम हटा दिए। उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिया कहा जा रहा है। क्या बांग्लादेश आतंकवादी देश है? ऐसा कहकर वे बांग्लादेश और भारत दोनों का अपमान कर रहे हैं। उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ आधारहीन आरोप नहीं लगाना चाहिए कि वे लोग घुसपैठियों को भेज रहे हैं।" उन्होंने कहा अगर राज्य कहें कि वे दूसरे राज्यों के लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे तो 'गृह युद्ध' और खून-खराबा शुरू हो जाएगा। लोगों में घबराहट है। केवल एक फीसदी ही अवैध आव्रजक हैं। और, अगर घुसपैठ हुई है तो इसके लिए सरकार दोषी है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement