नयी दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना के बजट के बड़े हिस्से का उपयोग देश के दूरवर्ती इलाकों में विकास परियोजनाओं, स्कूलों और अस्पतालों के लिए किया जा रहा है। जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) में‘ राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना’ विषय पर व्याख्यान देते हुए जनरल रावत ने कहा कि भारतीय सेना एक मानवीय सेना है और पेशेवर तरीके से आतंकवादी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों के जवानों को आधुनिक तकनीकी घटनाक्रम की जानकारी होना जरूरी है ताकि वे कृत्रिम आसूचना के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत में सशस्त्र बल न केवल संघर्षों से निपट रहे हैं बल्कि राष्ट्र के विकास में भी योगदान दे रहे हैं। जनरल रावत ने कहा, ‘‘ भारतीय सशस्त्र बल न केवल सीमाओं को सुरक्षित करते हैं बल्कि निवेशकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वास प्रदान करते हैं और एफडीआई जैसे निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय सशस्त्र बल सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं, यह धारणा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को विश्वास प्रदान करती है। मैं आपको विश्वास दिला सकता हूं कि सशस्त्र बलों को जो भी बजट दिया जाता है, उसका बड़ा हिस्सा देश के सुदूरवर्ती इलाकों में विकास परियोजनाओं, सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।’’ जेजीयू के संस्थापक कुलपति सी राजकुमार ने युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवाओं और सेना में सेवारत कर्मियों के बच्चों के लिए विशेष छूट की घोषणा भी इस मौके पर की।