नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया।
बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार को हिंसक झड़प में भारत के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। दोनों सेनाओं के बीच यह संघर्ष गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुआ था। यह नदी पूरब से पश्चिम की ओर बहती है और श्योक नदी में जाकर मिल जाती है।
बातचीत यह सुनिश्चित करने के लिए हुई है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी गलवान घाटी से अपने सैनिकों को वापस हटाए और सभी मिलिट्री ग्रेड टेंट्स वहां से हटा ले, जिनमें चीनी सैनिक रहते हैं।
दोनों सेनाओं ने संघर्ष स्थल पर सैनिकों की फिर से तैनाती कर दी है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने चीनी समकक्षों से स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें हर हाल में पीछे हटना होगा।
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "बातचीत गुरुवार को भी जारी रहेगी। भारत की ओर से नियुक्त एक मेजर जनरल कल (गरुवार) अपने चीनी समकक्ष के साथ फिर बातचीत करेंगे।"
भारतीय सेना की 3डिविजन के कमांडर, मेजर जनरल अभिजीत बापट ने चीनी अधिकारियों के समक्ष बातचीत के दौरान, 15-16 जून की दरम्यानी रात की घटना के संबंध में कई बिंदु उठाए। सूत्रों के अनुसार, सोमवार रात चीनी सैनिकों ने लगभग 120 भारतीय सैनिकों को घेर लिया था और उसके बाद उनकी बुरी तरह पिटाई की थी। इसमें 20 सैनिक शहीद हो गए।