नयी दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुये आज भारतीय नौसेना के लिये 111 बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर खरीदने को अपनी मंजूरी दे दी। इनकी लागत 21,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है। इसके अलावा मंत्रालय ने करीब 25,000 करोड़ रुपये के अन्य रक्षा साजो-सामान के खरीद के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
इन अधिकारियों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने करीब 46,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी दी है जिसमें हेलीकॉप्टर की खरीद भी शामिल है। रक्षा क्रय परिषद (डीएसी) की बैठक में यह फैसला किया गया। डीएसी रक्षा खरीद मामलों पर निर्णय लेने वाला मंत्रालय का शीर्ष निकाय है। नौसेना के लिये बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों की खरीद महत्वाकांक्षी रणनीतिक साझेदारी (एसपी) मॉडल के तहत पहली परियोजना होगी। नए मॉडल के तहत भारत की निजी क्षेत्र की कंपनियां रक्षा क्षेत्र की प्रमुख विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित कर भारत में ही लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बियां और टैंकों का विनिर्माण करेंगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "डीएसी ने आज अपने ऐतिहासिक निर्णय में भारतीय नौसेना के लिये 21,000 करोड़ से अधिक की लागत से 111 बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दे दी है।" इन हेलीकॉप्टरो का उपयोग युद्धक मिशन के साथ-साथ खोज और राहत अभियानों तथा निगरानी कार्य के लिए भी किया जायेगा। मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने 24,879.16 करोड़ रुपये के कुछ अन्य रक्षा खरीद प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी है। इसमें थल सेना के लिये 150 पूरी तरह से स्वदेश में डिजाइन और विकसित 155 एमएम व्यास की नाल वाली उन्नत तोपों की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है। इसकी लागत करीब 3,364 करोड़ रुपये है।
यह तोप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित की गयी है और डीआरडीओ द्वारा नामित उत्पादन एजेंसियों द्वारा इसे विनिर्माण किया जायेगा। डीएसी ने 24 नौसेना बहु भूमिका हेलीकॉप्टर (एनएमआरएच) खरीदने भी मंजूरी दी है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध में इस्तेमाल किए जा सकेंगे। एमआरएच का इस्तेमाल विमान वाहक पोतों, विध्वंसक जहाजों, और अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों के अभियान का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं।
मंत्रालय ने इसके अलावा सरकार ने लंबवत उड़ान भर कर मार करने वाली कम दूरी की 14 छोटी मिसाइल प्रणालियों को भी खरदीने की भी अनुमति दी है। इनमें से 10 प्रणालियां पूरी तरह से देश में ही विकसित होंगी। पिछले वर्ष अगस्त में भारतीय नौसेने ने 111 लड़ाई और परिवहन दोनों प्रकार के काम में इस्तेमाल किए जा सकने वाले बहुउद्देशीय और 123 बहु भूमिका वाले हेलीकॉप्टर खरीद के लिये सूचना के लिये आवेदन पत्र जारी किया था।