नई दिल्ली। इस्लामिक स्कॉलर महमूद मदनी ने कहा है कि जो लोग वीडियो बनाकर ये कह रहे हैं कि कोरोना शब्द कुरान से निकला है और मुस्लिमों को यह वायरस नहीं पकड़ सकता है, वे लोग जाहिल हैं और ऐसे लोगों का इलाज होना चाहिए। महमूद मदनी ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम में यह बयान दिया। निजामुद्दीन मरकज में आए कई लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की रिपोर्ट के बाद महमूद मदनी ने इंडिया टीवी पर बोल रहे थे।
हालांकि महमूद मदनी ने यह भी कहा कि एक घटना से पूरे समाज को एक रंग में रंग देना ठीक नहीं है, उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग नियमों का पूरा पालन कर रहे हैं और यहां तक की जुम्मे की नमाज में भी लोगों ने नियमों का ध्यान रखा और अपने घर पर नमाज पढ़ी। महमूद मदनी ने कहा कि इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि जमा मस्जिद में सिर्फ 4 लोगों ने ही नमाज पढ़ी हो। महमूद मदनी यह भी कहा कि निजामुद्दीन में लोग 18 मार्च को इकट्ठा हुए थे और तबतक वहां पर न तो कोई एडवायजरी जारी हुई थी और न ही लॉकडाउन लागू किया गया था।
इंडिया टीवी के कार्यक्रम में महमूद मदनी के साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद भी थे। निजामुद्दीन मरकज में कोरोना वायरस मामलों के सामने आने पर ताहिर महमूद ने कहा कि भारत में हर समाज में कट्टरपंथी लोग भरे हुए हैं और मुस्लिम समाज में ऐसे लोग कुछ ज्यादा ही हैं। ताहिर महमूद ने कहा कि उन्होंने देवबंद से कहा था कि कोरोना वायरस को लेकर वे फतवा जारी कर दें, क्योंकि लोग ऐसे मानने वाले नहीं है, ताहिर महमूद ने कहा कि मुस्लिम समाज में लोगों को पक्का यकीन है कि उन्हें कुछ ज्यादा नहीं होने वाले जो पूरी तरह से बेवकूफी वाली बाते हैं, ताहिर महमूद ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली में स्थित निजामुद्दीन मरकज में एक कार्यक्रम में लगभग 2000 लोग भाग लेने आए हुए थे और उनमें से कई लोगों को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और कुछेक की मृत्यु भी हुई है। मरकज में आए कई लोगों ने देश के अलग अलग भागों में यात्रा भी की है और मरकज में हुई इस लापरवाही की वजह से कोरोना वायरस का देश में कई जगहों पर फैलने की आशंका बढ़ गई है।