मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के मंत्री तानाजी सावंत ने अजीब तर्क देते हुए मंगलवार को रत्नागिरी में बांध टूटने की घटना के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया है। घटना में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में जल संरक्षण मंत्री ने दावा किया कि तिवेर बांध में पिछले 15 सालों से पानी संरक्षित हो रहा है, लेकिन इसके पहले इसमें कोई दरार नहीं आई थी।
सावंत ने कहा, "बांध साल 2004 में बना था और तब से इसमें कोई दरार नहीं आई.. हालांकि, बांध में केकड़ों की बड़ी समस्या है और इसी कारण से बांध में दरार आई है।"
घटना को भारी आपदा बताते हुए मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी। बारिश 192 मिलीमीटर हुई थी, जिससे बांध का जल स्तर सिर्फ आठ घंटों में आठ मीटर ऊपर उठ गया था। उन्होंने कहा कि भेंदेवाड़ी गांव के निवासियों ने सरकार को बांध में दरार की समस्या से अवगत कराया था और अधिकारियों ने इस पर कार्रवाई की थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने सावंत पर हमला करते हुए इसे उनकी पार्टी (शिवसेना) के विधायक का शर्मनाक बचाव करना बताया, जो बांध का ठेकेदार था। मलिक ने कहा, "आप एक बड़ी और भ्रष्ट शार्क को बचाने के लिए तुच्छ केकड़ों पर आरोप लगाना चाहते हैं? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसकी जांच होनी चाहिए और उन्हें दण्ड मिलना चाहिए।"