पुलगांव: महाराष्ट्र के पुलगांव में सेना के सेंट्रल एम्युनिशन डिपो में आग लगने से 2 अफसरों समेत 16 लोगों की मौत हो गई। ये सभी डिफेंस सिक्युरिटी कोर के अफसर और जवान थे। हादसे में 19 अन्य लोग भी घायल हैं। घटनास्थल के आसपास के 6-7 गांवों को खाली करा दिया गया है। करीब 1 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
गौरतलब है कि पुलगांव का सेंट्रल एम्युनिशन डिपो देश के सबसे बड़े गोलाबारूद और हथियार डिपो में से एक है। सेंट्रल इंडिया से संबंधित सभी सैन्य युनिटों के हथियार यहीं पर रखे जाते हैं। जरूरत पड़ने पर यहीं से बार्डर की तरफ इन्हें भेजा जाता है। यहां सभी जरूरी हथियार और मिसाइल आदि रखी जाती है।
कैसे हुई घटना-
हालांकि आग के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है। कारणों का पता लगाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) नियुक्त कर दी गई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार ये आग डिपो के पास के सूखे घास में पहले लगी और उसके बाद झाड़ियो में होते हुए डिपो के छप्पर पर लगी फिर डिपो के हॉस्टल में लगी। आग लगने की वारदात रात करीब 1 बजे के आसपास बताई जा रही है।
आग से उठी दिल दहला देने वाली लपटें-
आग की विकरालता इतनी अधिक थी की उसे 15 किलोमीटर तक आसानी से देखा जा सकता है। आग लगने की सूचना मिलने पर दो जवानों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाने का प्रयास शुरु किया और इस प्रयास में वो भी आग की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। इस भयंकर हादसे में अभी तक कुल 20 जवानों की मौत हो चुकी है।
आसपास के गांव में दहशत का माहौल, पूरी रात घर से बाहर जाग कर गुजारी रात
सीएडी कैंप देवली तहसील के अंतर्गत आता है और इस तहसील के नागझरि,इन्झाला,पिपरी,आगर गाव,मुरुद गाव सहित 10 से ज्यादा गाव मैं पूरी रात लोगो मैं दहशत रही ,लोग घरो के बहार निकले रहे और कई यहाँ वहा जान बचाने भागने लगे ।
डिपो के आस पास के 10 गावो को खाली कराया गया
तहसीलदार तेजश्वनि जाधव रात भर मौके पर मौजूद रही और जिन गाव वालो ने अपना घर छोड़ दिया है उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था देने का प्रयास देने की बात बताई है।
आग पर काबू पाया गया, लेकिन गोला बारुद के चलते खतरा बरकरार
रिपोर्टस के मुताबिक आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन गोला-बारुद में और भी धमाके होने का ख़तरा बना हुआ है। इससे जान-माल के और नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री सहित अन्य नेताओं ने जताया दुख-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दु:ख जताया है। उन्होंने दिवंगत जवानों के परीजनों को ढांढस बंधाते हुए घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है। इसके साथ ही ट्वीट कर जानकारी दी है कि उन्होंने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने को कहा है।
घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर दु:ख जताया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हालात अब काबू में है और हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह काफी दु:खद घटना है. जवानों को खोने की काफी तकलीफ है। जन के साथ ही काफी सामान का भी नुकसान हुआ है।