मुंबई: महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित सांगली और कोल्हापुर में राहत कार्य पूरा होने के साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से 6,813 करोड़ रूपये की राहत राशि की मांग की है। केंद्र को यह प्रस्ताव दो हिस्सों में भेजा जाएगा। पहले प्रस्ताव में कोल्हापुर, सांगली, सतारा जिलों के लिए 4,708 करोड़ रूपये की मांग की जाएगी जबकि दूसरे में कोंकण, नासिक और शेष महाराष्ट्र के लिए 2,105 करोड़ रूपये की मांग का उल्लेख किया जायेगा। फडणवीस ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र से सहायता का ज्ञापन भेजा जायेगा लेकिन तब तक महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्य के कोष से ही खर्च को अनुशंसित कर दिया है। इसके अलावा सीएम देवेंद्र फडणवीस और सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्य में बाढ़ से हुई तबाही के मद्देनजर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अपना एक महीने का वेतन दान करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने कहा, इस राशि का उपयोग बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने और उनके पुनर्वास की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 43 लोगों की जान चली गई है। बाढ़ ने सतारा, पुणे और सोलापुर जिलों को प्रभावित करने के अलावा पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। ठाणे, नासिक, पालघर, रत्नागिरी, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिलों में भी भारी बारिश हुई है। बाढ़ की वजह से कोल्हापुर और सांगली जिले सर्वाधिक प्रभावित हुये हैं। इसके बाद राज्य के कोंकण और पश्चिमी हिस्से बाढ़ की चपेट में आये। यहां बीते नौ दिनों में 43 लोगों की मौत हो गई है।
कोल्हापुर और सांगली में अब पानी उतरने लगा है। फडणवीस ने कहा कि 2088 करोड़ रूपये में से फसल नष्ट होने पर सहायता, सड़क और पुलों की मरम्मत के लिए 876 करोड़ रूपये, मृतकों के परिजनों को 300 करोड़ रूपये, घरों की मरम्मत में 222 करोड़ रूपये तथा 125 करोड़ रूपये स्कूलों की मरम्मत और जलापूर्ति को सुचारू बनाने में खर्च होंगे। पहली बार छोटे व्यापारियों के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य ने 300 करोड़ रूपये की मांग की है।
(इनपुट- भाषा)