मुंबई: महाराष्ट्र सरकार अब जल्द ही मराठाओं को आरक्षण देने का ऐलान कर सकती है। एक दिसंबर को फडणवीस सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके संकेत दिए हैं। सीएम फडणवीस ने कहा है कि आंदोलन की जगह अब जश्न की तैयारी करें। बताया जा रहा है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट
महाराष्ट्र राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन को सौंप दी। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने यह संकेत दिए हैं।
एक सरकारी सूत्र के अनुसार रिपोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए गए आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना, मराठा समुदाय की शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के पक्ष में सुझाव दिए गए हैं। जैन ने रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें रिपोर्ट मिल गई है, जो कि मराठा समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर आधारित है। अध्ययन (रिपोर्ट के) के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।’’
सरकारी सूत्र ने बताया कि आयोग ने उसे मिले दो लाख ज्ञापनों, लगभग 45,000 परिवारों के सर्वेक्षण के साथ ही मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के प्रायोगिक आंकड़ों का अध्ययन किया। इस पैनल का नेतृत्व न्यायमूर्ति एन जी गायकवाड़ (सेवानिवृत्त) ने किया।
गौरतलब है कि राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर विभिन्न जगहों पर आंदोलन हुए और कई जगहों पर ये हिंसक भी हो गए थे। इसके बाद ही फडणवीस सरकार ने आरक्षण को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ मीटिंग हुई और मराठाओं को कानूनी तरीके से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए। राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है। हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं।