हरिद्वार: सोमवती अमावास्या पर हो रहे महाकुंभ शाही स्नान से ठीक पहले साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित आधा दर्जन से अधिक संतों के कोविड-19 पीड़ित होने से संत समाज और मेला प्रशासन में खलबली मच गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कुंभनगरी में रविवार को निरंजनी अखाड़े के एक और जूना अखाड़ा के दो और संतों में महामारी की पुष्टि हुई। नए मामलों को मिलाकर अब तक दोनों अखाडों में कुल नौ संत कोविड-19 पीड़ित पाए गए हैं।
महाकुंभ मेले के लिए उत्तरदाई अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के महंत नरेंद्र गिरी की रविवार को आई जांच रिपोर्ट में कोविड-19 की पुष्टि होने से महाकुंभ अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पृथकवास में रह रहे महंत नरेंद्र गिरी के कोविड-19 ग्रस्त होने के बावजूद रविवार को उनसे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निरंजनी अखाड़ा पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान किसी ने भी उन्हें महंत नरेंद्र गिरी से मिलने से नहीं रोका।
इससे पहले, शनिवार देर रात स्वास्थ्य बिगड़ने पर महंत नरेंद्र गिरी को हरिद्वार के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका हाल-चाल पूछने मेलाधिकारी दीपक रावत व मेला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनमेजय खंडूड़ी भी गए थे। इसके अलावा भी महंत नरेंद्र गिरी हाल में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्र पूरी महाराज की तबीयत भी खराब है और वह पृथक-वास में रह रहे हैं। वहीं, बड़ा अखाड़े के महंत रघुमुनि महाराज का स्वास्थ्य भी खराब है। ये सभी संत आज हो रहे सोमवती अमावस्या का शाही स्नान नहीं कर पाएंगे।
इस बीच, कोविड-19 के लगातार बढ रहे मामलों के बीच आज जिले में कुल 372 नए मामले दर्ज हुए। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश गुप्ता भी टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी कोरोना वायरस संक्रमित हो गए। आईआईटी रुड़की में रविवार को 12 और छात्रों के कोविड-19 पीडित होने के कारण वहां संक्रमितों की संख्या 100 के पार हो गई। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को महंत नरेंद्र गिरी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए है।