खैबर-पख्तून्ख्वा प्रांत में पड़नेवाला यह इलाका पाक अधिकृत कश्मीर से ठीक सटा हुआ है और बेहद अहम स्थान पर है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक यहां केवल कंट्रोल रूम ही नहीं बल्कि आत्मघाती हमलों को अंजाम देने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। यहां के मदरसों में जिहादी की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
सूत्रों के मुताबिक बालाकोट में आतंकी कैंप के लिए मसूद अजहर को बड़े पैमाने धन और जमीन दी गई। कुथ वर्षों में यह जैश का अहम ट्रेनिंग सेंटर बन गया। इस सेंटर में वाटर टैंक, मेडिकल कैंप, ट्रेनिंग ग्राउंड उपलब्ध है और यहां प्रत्येक साल 10 हजार लोग ट्रेनिंग के लिए इनरॉल होते हैं। यह केंद्र सीधे तौर पर मसूद अजहर के निर्देशों पर चलता है। मौजूदा समय में इसे मसूद का साला युसूफ अजहर चला रहा था।
2001 से पहले जैश के आतंकियों को अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी जाती थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इसे बालाकोट स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। 2005 में आए भूकंप में यहां भारी तबाही मची थी जिसके बाद लश्कर के प्रमुख हाफिज सईद ने यहां का दौरा भी किया था राहत कार्यों में मदद की थी।