नई दिल्ली। आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण पर मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और इसपर 4 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। तमिलनाडू के विपक्षी दल डीएमके ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण को गैरसंवैधानिक बताया था। डीएमके की इसी याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। संसद में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के बिल पर बहस के दौरान डीएमके ने आरक्षण का विरोध किया था।