चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों में सप्ताह में कम से कम एक बार राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाए जाने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय गीत के लिए मुख्यत: सोमवार या शुक्रवार के दिन को वरीयता दी जाए।
याचिकाकर्ता के. वीरामणि ने तमिलनाडु शिक्षक भर्ती बोर्ड (टीआरबी) को यह निर्देश दिए जाने की मांग की थी कि टीआरबी उन्हें उस सवाल के जवाब के लिए एक अंक प्रदान करे, जिसमें पूछा गया था कि राष्ट्रीय गीत किस भाषा में लिखा गया है।
2013 में हुई शिक्षक योग्यता परीक्षा में पूछे गए सवाल के जवाब में याचिकाकर्ता ने जवाब दिया था कि राष्ट्रीय गीत की रचना बांग्ला भाषा में हुई, जबकि उत्तर कुंजी में सही जवाब संस्कृत को बताया गया था।
याचिकाकर्ता का कहना है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में कट ऑफ मार्क 90 गया, और 89 अंक पाने के कारण उनका चयन नहीं हो सका, जिसकी वजह गलत उत्तर कुंजी थी। महाधिवक्ता ने अदालत से स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की वास्तविक भाषा तो संस्कृत ही है, लेकिन इसे बांग्ला भाषा में लिपिबद्ध किया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सभी सरकारी कार्यालयों और संस्थानों, निजी कंपनियों और कारखानों में भी महीने में कम से कम एक बार राष्ट्रीय गीत गाया जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर राज्य वासियों को संस्कृत या बांग्ला में वंदे मातरम गाने में परेशानी हो तो इसे तमिल में अनूदित भी किया जा सकता है। हालांकि अदालत ने यह भी कहा है कि लोगों या संगठनों को वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उच्च न्यायालय ने टीआरबी को याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश भी दिया।