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मद्रास हाई कोर्ट ने राजीव हत्याकांड में दोषी नलिनी की रिहाई की याचिका खारिज की

एकल न्यायाधीश का आदेश बरकरार रखते हुये खंडपीठ ने कहा कि नलिनी से उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले पर फैसला आने तक इंतजार करना होगा। इसके साथ ही अदालत ने उसकी अपील खारिज कर दी।

Reported by: Bhasha
Published on: April 27, 2018 13:48 IST
Madras High Court dismisses Nalini's petition for release- India TV Hindi
मद्रास हाई कोर्ट ने राजीव हत्याकांड में दोषी नलिनी की रिहाई की याचिका खारिज की  

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्या कांड में उम्र कैद की सजा पाने वाली नलिनी की समय पूर्व रिहाई की याचिका आज खारिज कर दी। अदालत ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाने वाली नलिनी की याचिका पर 27 अप्रैल को फैसला सुनाया जायेगा। न्यायमूर्ति केके शशिधरन और आर सुब्रमण्यम की खंडपीठ ने नलिनी की याचिका पर 24 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। नलिनी ने 1994 राज्य सरकार की एक योजना के तहत अनुच्छेद 161 ( क्षमादान देने के लिए राज्यपाल की शक्तियों) के अनुसार समय पूर्व रिहाई के लिए अदालत की एकल पीठ के समक्ष अनुरोध किया था। यह अनुरोध अस्वीकार हो जाने पर नलिनी ने इस आदेश को चुनौती दी थी।

राज्य सरकार के प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुये 22 फरवरी 2014 को नलिनी ने 1994 योजना के तहत समय पूर्व रिहाई की मांग की थी और बाद में अदालत का रूख किया था। राज्य सरकार ने उस समय उच्चतम न्यायालय में इसी तरह का एक मामला लंबित रहने का हवाला देते हुये इसका विरोध किया था। इसके बाद एकल न्यायाधीश ने उससे इस प्रतिवेदन पर विचार करने के लिए कहा था। उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2016 में अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सीआरपीसी की धारा 435 के तहत समय पूर्व रिहाई केन्द्र की सहमति हो से होगी क्योंकि मामलों की जांच सीबीआई जैसी केन्द्रीय एजेंसी ने की थी।

एकल न्यायाधीश का आदेश बरकरार रखते हुये खंडपीठ ने कहा कि नलिनी से उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले पर फैसला आने तक इंतजार करना होगा। इसके साथ ही अदालत ने उसकी अपील खारिज कर दी। खंडपीठ के समक्ष बहस के दौरान नलिनी के वकील राधाकृष्णन ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का इस मामले से कोई संबंध नहीं है क्योकि उनकी मुवक्किल ने अनुच्छेद 161 के तहत समय पूर्व रिहाई की मांग की है।

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