भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विश्वासमत हासिल करना है, लेकिन विश्वासमत से ठीक पहले मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और आज मंगलवार को उन्हें विश्वासमत प्राप्त करना है, लेकिन विश्वासमत से ठीक पहले स्पीकर ने त्यागपत्र दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि विश्वासमत से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति हो सकती है जिसके बाद विश्वासमत की प्रक्रिया होगी।
मध्य प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बने भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान को एक सफल प्रशासक के साथ ही बेहद विनम्र और मिलनसार राजनेता माना जाता है। उनके नेतृत्व में वर्ष 2008 एवं वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से जीत मिली थी। भाजपा ने उन्हें नवंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था, लेकिन इस चुनाव में वह अपनी पार्टी को बहुमत नहीं दिला सके और सत्ता उनके हाथ से खिसक कर कांग्रेस नेता कमलनाथ के हाथ में चली गई।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने और कांग्रेस के 22 विधायक बागी होने के कारण कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई, जिसके कारण कमलनाथ ने शक्ति परीक्षण से ठीक पहले 20 मार्च को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के इन 22 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद ये सभी भाजपा में शामिल हो गये हैंं। इसके बाद कांग्रेस के पास मात्र 92 विधायक रह गये और भाजपा 107 विधायकों के साथ बहुमत में आ गई ।
भाजपा विधायक दल ने चौहान को अपने दल का नेता चुना और वह चौथी बार मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 2005 से वर्ष 2018 तक के अपने कार्यकाल में उन्होंने मध्यप्रदेश के विकास के लिए तमाम परियोजनाओं की शुरूआत की थी । वह पांचवी बार सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके अलावा, वह विदिशा लोकसभा सीट से वर्ष 1991 से वर्ष 2006 तक पांच बार लगातार सांसद भी रहे। सीहोर जिले के जैत गांव में पांच मार्च 1959 को किसान प्रेम सिंह चौहान एवं सुन्दर बाई चौहान के घर में जन्मे चौहान में नेतृत्व क्षमता छात्र जीवन से ही शुरू हुयी थी
(With PTI Inputs)