भोपाल: स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति छात्रों के मार्गदर्शन और उन्हें विभिन्न विषयों का ज्ञान देने के लिए की जाती है, लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा फरमान आया है, जो आमजन की समझ से परे है। मध्य प्रदेश में शिक्षकों से उन कामों को करने के लिए कहा जा रहा है जिनका शिक्षण कार्य से कोई संबंध नहीं है। राज्य के टीकमगढ़ जिले में शिक्षकों को शौचालयों के गड्ढों की खुदाई के कार्यों में समन्वय स्थापित कर उस पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हालंकि विभिन्न राज्य समय-समय पर शिक्षकों से तमाम तरह के अन्य कार्य भी कराते रहे हैं, जिनमें जनगणना और मतदाता सूची बनाने का काम भी शामिल है। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी चाहे जनगणना का काम हो, मतदाता सूची बनाने का अभियान चलाया जाए या फिर कोई भी बड़ा अभियान सरकार अपने हाथ में ले, सबसे पहले उसकी नजर शिक्षकों पर पड़ती है और उन्हें संबंधित काम में लगा दिया जाता है। इसी का नतीजा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से प्रदेश में शुरू हुए 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान में भी शिक्षकों को लगा दिया गया है।
टीकमगढ़ के जिला शिक्षाधिकारी बीके लुहारिया द्वारा जारी आदेश में संकुल प्राचार्य, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड स्रोत केंद्र समन्वयक और जनशिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि 'स्वच्छता ही सेवा' जनांदोलन के अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में शौचालयों के लिए गड्ढे खोदे जाने हैं। इस आदेश के बारे में बात करने के लिए जब लुहारिया से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि शिक्षकों को गड्ढे नहीं खोदने हैं, अपने स्कूल के पंचायत क्षेत्र में तकनीकी दल द्वारा खोदे जाने वाले शौचालयों के गड्ढों को देखना भर है।