इंदौर। कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने संबंधी बयान के बाद सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मची उथल-पुथल के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अटकलों को शांत करने की कोशिश करते हुए शनिवार को कहा कि यह सरासर गलतफहमी है कि सिंधिया कमलनाथ सरकार के किसी व्यक्ति के खिलाफ हैं। नियमितीकरण की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर प्रदेश सरकार कांग्रेस के घोषणापत्र को पूरी तरह लागू नहीं करती है, तो वह भी इन आंदोलनकारियों के साथ सड़क पर उतरेंगे।
इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, "यह बिल्कुल गलतफहमी है कि सिंधिया (कमलनाथ सरकार के) किसी व्यक्ति के खिलाफ हैं। सूबे में कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में पूरी एकजुटता से खड़ी है।" राज्य में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में गिने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "वचन पत्र (राज्य में नवंबर 2018 में संपन्न पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का जारी घोषणापत्र) में किये गये वादे निभाने के लिये पूरी कांग्रेस एकजुट है। मतदाताओं से चुनावी वादे अकेले सिंधिया ने नहीं, बल्कि हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किये हैं।"
दिग्विजय ने भरोसा दिलाया कि कमलनाथ सरकार कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र के मुताबिक सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्जा चरणबद्ध तरीके से माफ करेगी और मतदाताओं से किये गये अन्य वादे भी पूरे करेगी। उन्होंने कहा, "वचन पत्र किसी सरकार के पांच साल के कार्यकाल के लिये होता है। सूबे की कांग्रेस सरकार ने अभी केवल सवा साल का कार्यकाल पूरा किया है और इस अवधि में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई चुनावी वादे पूरे भी कर दिये हैं।"
72 वर्षीय राज्यसभा सदस्य ने कहा, "जहां तक राज्य के अतिथि शिक्षकों का प्रश्न है, उनके नियमितीकरण की सरकारी प्रक्रिया चल रही है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी इंदौर से ही ताल्लुक रखते हैं। आप (मीडिया) उनसे पूछिये कि इस प्रक्रिया के तहत कितना काम बाकी है?" कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के सौंसर कस्बे में प्रशासन की अनुमति के बिना लगायी गयी छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा हटाये जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना पर कटाक्ष करते हुए दिग्विजय ने कहा, "शिवराज इसी तरह विरोध जताते रहें क्योंकि भाजपा में उनकी नेतृत्व की पहचान खतरे में है। विष्णुदत्त शर्मा को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने से वह और परेशान हो गये हैं।"