खरगोन (मध्यप्रदेश): आज भी देश में कई ऐसे गांव है जहां सरकार की योजनाएं नहीं पहुंची,तो कुछ ऐसे भी है,जहां आज भी घरों में बिजली नहीं जलती। इन्हीं गांव में अबतक मध्यप्रदेश का दुरस्त पहाड़ी क्षेत्र में बसा मेंढ़ागढ़ गांव भी था। लेकिन केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना से 23 जनवरी को वो दिन आ ही गया जब मेंढ़ागढ़ झिरन्या विकासखंड के दुरस्त पहाड़ी गांव के रूप में पहचाने जाने वाले इस गांव में बिजली पहुंच गई।
योजना के माध्यम से घर, गांव और मोहल्ला जगमगा उठा। आपको बता दे की 23 जनवरी को क्षेत्रीय सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने मंगलवार की रात्रि 10 बजे मेंढ़ागढ़ में मीटर का स्वीच चालू किया। मीटर स्वीच चालू करने के बाद गांव के लोगों में गजब उत्साह और चेहरे पर खुशी देखने को मिली।
291 घरों में होगी रोशनी
मेंढ़ागढ़ पूरे गांव में 1500 की जनसंख्या है और यहां 291 घर हैं। तीन आंगनवाड़ी, एक माध्यमिक विद्यालय और दो ईजीएस शालाओं के साथ मेंढ़ागढ़ सरपंच प्रतिनिधि दितला बताते है कि यहां से 15 किमी की दूरी पर हायर सेकंडरी स्कूल है और हमारे यहां से करीब 60 बच्चे पढ़ने जाते है। घरों में बिजली आ जाने से उनकों उजाले में अध्ययन करने में सुविधा होगी। साथ ही कई ऐसे कार्य कर पाएंगे, जिनके नहीं होने से हमें बाहर के गांव पर आश्रित होना पढ़ता था। अनाज पिसाने के लिए भी हमें बाहर के गांव ही जाना पढ़ता था। ऐसी कई तरह की समस्याओं से हमें जूझना नहीं पड़ेगा।
यहां के 291 घरों में से 150 घरों में निःशुल्क विद्युत कनेक्शन कर दिए गए है। कार्यपालन यंत्री बुके ने बताया कि कनेक्शन किए जा रहे है। शीघ्र ही पूरे गांव में निःशुल्क कनेक्शन उपलब्ध होंगे। मेंढ़ागढ़ में बिजली लाने के लिए 12.7 किमी की 11 केवी की लाईन डाली गई।
जल्द ही इन इलाकों में पहुंचेगा नेटवर्क
सौभाग्य योजना के तहत 23 जनवरी की रात्रि में मेंढ़ागढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सांसद चौहान ने कहा कि 3 दिसंबर को हेलापड़ावा में बीएसएनएल का नेटवर्क एक्सचेंज का शुभारंभ किया गया हैं और दूसरा धुपा में निर्मित एक्सचेंज का भी टेस्टिंग हो चुका है। शीघ्र ही यहां से भी नेटवर्क प्रारंभ होने के बाद संवाद का माध्यम लोगों के हाथों में आ जाएगा। पूरे पहाड़ी क्षेत्र को नेटवर्क की जद में लाने के लिए तीसरा एक्सचेंज मांडवा में स्थापित हो रहा है। शीघ्र ही यह कार्य पूर्ण होने के बाद यहां के लोगों का संपर्क अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर तरीके से हो सकेगा।
रिपोर्ट इनपुट: प्रतीक खेड़कर