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मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पर सरकार हुई दो फाड़, गोविंद सिंह बोले- पैसा खर्च करना फिजूलखर्ची

माना जा रहा है कि 15 से 26 फरवरी के बीच चलने वाली रद्द की गई 5 ट्रेनों पर भी करोड़ों रुपए खर्च होना था। लेकिन पुरानी उधारी ना चुकाए जाने के चलते कमलनाथ सरकार ने इस योजना को कुछ समय के लिए रद्द कर दिया है।

Written by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published : February 16, 2020 15:57 IST
Madhya Pradesh
Image Source : FILE Representational Image

भोपाल। 10 दिनों में कर्ज माफी का दावा और वादा करने वाली कमलनाथ सरकार साल बीत जाने के बाद भी पैसों की कमी के चलते कर्ज माफी नहीं कर पाई है। अब मध्य प्रदेश में पूर्व की शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत इसी महीने तीर्थ जाने वाली 5 ट्रेनों को अचानक से रद्द किए जाने से मध्य प्रदेश में सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। अचानक से वैष्णो देवी, काशी, द्वारका और रामेश्वरम जाने वाली ट्रेनों को रद्द किए जाने से विपक्ष नाराज है। भाजपा का मानना है कि सरकार के पास आईफा समेत तमाम अवार्ड करवाने के लिए पैसे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के पास एक बुजुर्ग को तीर्थ यात्रा करवाने के पैसे नहीं है। 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए है योजना

दरअसल, इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 अगस्त 2012 में की थी। इस योजना के तहत सभी बुजुर्ग यात्रियों को मुफ्त में तीर्थ दर्शन कराया जाना था। यात्रा के दौरान बुजुर्गों के भोजन, बीमा ,चिकित्सा उपचार और गाइड की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही थी। इस योजना के अंतर्गत केवल मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हो आ सकते हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक व्यक्ति को सहायक के तौर पर निशुल्क यात्रा करने की अनुमति दी गई है।

इन तीर्थ स्थानों पर जाते हैं श्रद्धालु

मध्य प्रदेश सरकार इस योजना के अंतर्गत श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारका, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णो देवी, शिरडी, तिरुपति, बालाजी, अजमेर शरीफ, काशी, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला, वेलागादी चर्च, नागापटनम और पटना साहिब गुरुद्वारा बिहार शामिल है। बात अगर दूसरे देशों की करें तो इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर चीन, हिंगलाज देवी मंदिर पाकिस्तान, ननकाना साहिब पाकिस्तान, सीता मंदिर श्रीलंका, अशोक वाटिका श्रीलंका, अंकोरवाट कंबोडिया, सिंधु दर्शन लेह लद्दाख और  करतारपुर पाकिस्तान भी भेजा जाता है।

आखिर क्यों रद्द कर दी गईं विशेष ट्रेन?

शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को कमलनाथ सरकार ने अब तक जारी रखा था, लेकिन  राज्य सरकार के आध्यात्मिक विभाग ने भोपाल से 15 फरवरी को वैष्णों देवी के लिए रवाना होने वाली विशेष ट्रेन को एकाएक निरस्त कर दिया। इसके अलावा इंदौर से काशी, गया, खंडवा, बुरहानपुर जिलों के यात्रियों को लेकर द्वारका धाम जाने वाली और ग्वालियर चंबल संभाग के यात्रियों को रामेश्वरम, मदुरै ले जाने वाली ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया।

यात्रियों ने जाहिर की नाराजगी

जाहिर है 7 सालों से बिना किसी रोक-टोक के चलने वाली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा के अचानक रद्द किए जाने से सवाल खड़े हुए हैं। अचानक से रद्द हुई इस यात्रा के चलते यात्रा का लाभ उठाने वाले यात्री बेहद दुखी नजर आए। भोपाल के शिवाजी नगर इलाके में रहने वाले तमाम यात्री कहते नजर आए गरीबों के लिए तीर्थ करने का मौका इस योजना के अलावा किसी और तरीके से नहीं मिल सकता था।इसी योजना के बंद हो जाने से हमारी उम्मीदें टूट गई है।

मंत्री गोविंद सिंह ने योजना पर खड़े किए सवाल

जहां कमलनाथ सरकार के मंत्री इस योजना के बंद होने से इनकार करते नजर आए, वहीं कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोविंद सिंह ने इस पूरी योजना पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए। इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पर पैसा खर्च करने की बजाय स्वास्थ सेवाओं किसानों और रोजगार के लिए पैसा खर्च करना चाहिए। सरकार इसमें पैसा खर्च कर अपव्यय कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार का काम जनता की गाढ़ी कमाई से जो टैक्स आता है जनता के हित में नौजवान छात्रों की पढ़ाई लिखाई में, स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करने में गांव और प्रदेश के विकास में रोजगार देने के लिए गांव के किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने में लगाना चाहिए ना की तीर्थ यात्रा में सरकार खाली खजाना होने के बाद अप व्यय करे। अगर सरकार मेरा अभिमत लेती है तो मैं ऐसी योजनाएं कठोरता से बंद करने के लिए कहता हूं।

क्या ये है ट्रेनें रद्द होनी की असल वजह?

सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अभी बंद करने की बड़ी वजह इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन आईआरसीटीसी कि पिछले एक साल के दौरान कराई गई यात्रा की उधारी है। दरअसल आईआरसीटीसी 8 साल से मध्य प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को विशेष ट्रेन से यात्रा करा रहा है। बताया जा रहा है कि जुलाई से दिसंबर 2019 तक मध्य प्रदेश से इस योजना के तहत 23 ट्रेनें चलाई गई हैं जिस पर करोड़ों रुपए का भुगतान होना अभी बाकी है।

पीसी शर्मा बोले- चालू रहेगी यात्रा

वही माना जा रहा है कि 15 से 26 फरवरी के बीच चलने वाली रद्द की गई 5 ट्रेनों पर भी करोड़ों रुपए खर्च होना था। लेकिन पुरानी उधारी ना चुकाए जाने के चलते कमलनाथ सरकार ने इस योजना को कुछ समय के लिए रद्द कर दिया है। कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोविंद सिंह को इस योजना पर किए जाने वाले करोड़ों का खर्च ही गलत नजर आ रहा है इसलिए खुलकर अपनी सरकार की इस योजना को मंत्री जी फिजूलखर्ची बता रहे हैं। अपनी सरकार की इस योजना की खुलकर खिलाफत करने वाले मंत्री के बयान के खिलाफ आध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा सामने आए कहा मंत्री वह है कि मैं हूं। मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात हो गई है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा चालू रहेगी।

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