भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस और प्रशासन को प्रदेश में तमाम तरह के माफियाओं पर नकेल कसने का फ्री हैंड दे दिया है और जल्द ही महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर एक कानून भी बनाने जा रही है। लेकिन, बीजेपी को यह कांग्रेस का दिखावा लग रहा है। क्योंकि, 2010 में भाजपा की शिवराज सरकार ने ऐसा ही एक कानून विधानसभा में पारित कर केंद्र की यूपीए सरकार को भेजा था लेकिन तब कांग्रेस की यूपीए सरकार ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी थी। हालांकि, इसके बाद मोदी सरकार ने भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी।
लेकिन, अब कमलनाथ सरकार पूरे एक्शन के मूड में है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते है कि ‘हमें माफिया मुक्त मध्य प्रदेश चाहिए, आम जनता माफिया मुक्त मध्य प्रदेश चाहती है। मैं जनता की भावनाओं का सम्मान कर रहा हूं।’दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश में सभी तरह के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर संदेश देना चाहते हैं कि कमलनाथ सरकार में माफिया राज नहीं चल पाएगा। यही वजह रही कि इंदौर में जीतू सोनी का साम्राज्य खत्म करने के बाद सरकार ने प्रदेश के तमाम माफियाओं को चिन्हित किया है, जिनसे जनता सीधे प्रताड़ित रही हो।
अब तक जीतू सोनी पर 44 केस लगा चुकी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इंदौर से ही जीतू सोनी के बंगले को गिराकर प्रदेशभर में जुआ, सट्टा, अवैध शराब से लेकर यातायात रेत और जमीनों पर कब्जा करने वाले माफिया पर लगाम कसने की शुरुआत की थी। मंशा साफ थी कि प्रदेश के माफिया का सफाया करना है। सरकार मकोका जैसा कानून बनाकर नशे का कारोबार, भू माफिया, अवैध कब्जा, सहकारी संस्थाओं के माफिया, मिलावट, ब्लैक मेलिंग में लगे माफिया, शराब का अवैध कारोबार, अवैध कॉलोनियां काटने वाले माफियाओं को टारगेट करना चाह रही है।
एमपी के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा ‘हम मकोका जैसा कानून लाएंगे, हमने जीतू सोनी को कैद कर बता दिया कि माफिया अपराधी है, रेत माफिया, शिक्षा माफिया, इन सब के खिलाफ एक-एक करके कार्रवाई होगी। जिस तरह से मिलावट के खिलाफ मकोका कानून बनने की शुरुआत कल शुरू हो गई, यह कानून जल्द आएगा और माफिया मुक्त कानून से आम जनता को राहत मिलेगी।’ हालांकि, भाजपा को मुख्यमंत्री कमलनाथ की महाराष्ट्र के मकोका जैसे कानून के लाने की मंशा पर शक है।
बीजेपी के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग की आपत्ति है कि ‘यूपीए सरकार ने मध्य प्रदेश के मकोका को अनुमति नहीं दी थी, अब दिखावे की राजनीति करने के लिए कोंग्रेस की कमलनाथ सरकार ऐसे कानून बनाए जाने की बात कर रही है।’