भोपाल. कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार करीब 8,000 कैदियों को पैरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा करेगी और इसके लिए सोमवार को प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई।
मध्यप्रदेश के जेल महानिदेशक संजय चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि करीब 5,000 सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिन के लिए पैरोल पर रिहा किया जा रहा है, जबकि पांच वर्ष तक की सजा के प्रावधान वाले आपराधिक प्रकरण में निरुद्ध विचाराधीन करीब 3,000 कैदियों को अंतरिम जमानत पर अदालतों द्वारा 45 दिनों के लिए रिहा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है और सोमवार से इन कैदियों को छोडऩे का काम भी चालू हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस सप्ताह के शुरू में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उच्च स्तरीय समितियों का गठन कर जेलों में भीड़ कम करने के लिए सात साल की जेल की अवधि वाले कैदियों और विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करे।
चौधरी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के अनुपालन में इन कैदियों को रिहा किया जा रहा है। मध्य प्रदेश की जेलों में 28,601 कैदी रखने की क्षमता है, जबकि करीब 42,000 कैदी हैं। प्रदेश में 125 जेल हैं। मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के 47 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से चार की मौत हो चुकी है।