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गौशाला खोलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार मांग रही है चंदा, शुरू किया ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल

गौशाला के जरिए गौरक्षा जैसे सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे के सहारे चुनावी वैतरणी को पार करने वाली कमलनाथ सरकार की गौशालाओं का इंतजार प्रदेश की सड़कों पर बदहाल घूमने वाली गाये अभी तक कर रही हैं।

Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published on: October 14, 2019 18:58 IST
Madhya Pradesh's CM Kamal Nath- India TV Hindi
Image Source : FILE Madhya Pradesh's CM Kamal Nath

भोपाल: गौशाला के जरिए गौरक्षा जैसे सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे के सहारे चुनावी वैतरणी को पार करने वाली कमलनाथ सरकार की गौशालाओं का इंतजार प्रदेश की सड़कों पर बदहाल घूमने वाली गाये अभी तक कर रही हैं। प्रदेश की तमाम पंचायतों में गौशाला खोलने का कमलनाथ सरकार का वादा 10 महीने बीत जाने के बाद भी अधूरा है। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौ रक्षा और गौ दान करने वालों के लिए ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल शुरू किया है, जिसमें दान देने वालों को आयकर में छूट मिलेगी।

ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल शुरू

दरअसल, प्रदेश की राजधानी भोपाल हो या प्रदेश के तमाम गांव शहर हर जगह सड़कों, गलियों, मोहल्लों में दिखाई देने वाली आवारा गायों की वजह गौशालाओं का ना होना है। हालांकि, सरकार बनने के बाद सीएम कमलनाथ ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 3000 गौशाला खुलेगी। लेकिन, गौशालाएं खुलती उससे पहले ही शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौ दान और गौ रक्षा के लिए ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल शुरू कर दिया, जिसके तहत राज्य में गौशाला के लिए शेड निर्माण होगा।

शिवराज सिंह चौहान का वार

वहीं, वादा करके गौशाला नहीं खोलने को लेकर भाजपा ने आड़े हाथ लेते हुए इसे गौ माता के प्रति सरकार का अपराध करार दिया है। इंडिया टीवी से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'अभी तो कह रहे थे कि 1000 गौशालाएं बन रही हैं और 3000 बनाएंगे। अब जाकर पोर्टल खोला है, इसका मतलब है वादे झूठे थे, वचन निभाना नहीं था केवल गौ माता को वोट प्राप्त करने का माध्यम बनाया था और उसके बाद गौमाता को भूल गए। यह अपराध है। इसको जनता क्षमा नहीं करेगी।'

अपनो के ही निशाने पर राज्य सरकार

दरअसल, मध्य प्रदेश में लाखों निराश्रित गोवंश के सड़कों पर होने के चलते न केवल गोवंश की दुर्घटनाओं में बहुत होती है बल्कि इनके चलते जनता भी दुर्घटनाओं का शिकार होती है। सड़कों पर बैठी इन्हीं गोवंश के चलते 5 दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ सरकार को ही कटघरे में खड़े करते हुए ट्वीट किया था कि सड़कों पर बैठी गायों को अगर आप गौशालाओं में पहुंचाएंगे तो सच्चे गौ भक्त कहलाएंगे।

आंकड़े क्या कहते हैं?

  • मध्यप्रदेश में कुल 627 पंजिकृत गौशालाएं हैं।
  • 627 गौशालाओं में कुल 1 लाख 66 हज़ार 997 गाय हैं।
  • करीब 6 लाख से ज्यादा गाय सड़कों पर खुली घूम रही हैं।

जाहिर है कि सड़कों पर निराश्रित घूमते गोवंश के चलते प्रदेश में लंबे समय से गौशालाओं के निर्माण की बात चलती रही है। यही वजह है कि 15 सालों के वनवास के बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई तो हिंदुत्व से जुड़े गौ माता के मुद्दे को भुनाने के लिए ऐलान कर दिया कि प्रदेश की हर पंचायत में गौशाला खोलेंगे। सत्ता मिली तो हर पंचायत की बजाए 3000 गौशाला के निर्माण की घोषणा कर दी।

लेकिन, सरकार के ऐलान के 10 महीने बीत जाने के बाद जब गौशालाओं का निर्माण नहीं हुआ तो बीजेपी को इसपर सवाल उठाने का मौका मिल गया। वहीं, राज्य सरकार का मानना है कि डोनेशन के जरिए पब्लिक गौ सेवा से जुड़ेगी और तीन हजार गौशालाओं के निर्माण के लिए सरकार गंभीर है। राज्य सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 'ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल इसलिए है कि शासकीय गौशालाएं खुलेंगे। 3000 गौशाला में प्रबंध स्वीकृत हो चुकी है। 15000 देने पर इनकम टैक्स से लोगों को छूट मिलेगी और उनका इंवॉल्वमेंट रहेगा।'

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