नई दिल्ली। वंदे मातरम गाने को लेकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने यू-टर्न लिया है। राज्य के जन संपर्क विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अब फिर से हर महीने के पहले कार्य दिवस पर वंदे मातरम का गायन होगा। मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग ने कहा ‘ भोपाल में अब आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम् का गायन होगा। हर महीने के प्रथम कार्यदिवस पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड राष्ट्र भावना जागृत करनेवाले धुन बजाते हुए शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करेंगे’
मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग की तरफ से कहा गया ‘पुलिस बैंड के वल्लभ भवन परिसर में पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ गाया जायेगा। इस कार्यक्रम को आकर्षक बनाकर आम लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा’
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान पिछले 13 साल से लगातार हर महीने के पहले कार्य दिवस पर सरकारी कार्यालयों में वंदे मातरम गाए जाने की प्रथा थी लेकिन नई कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस महीने के पहले कार्य दिवस पर ऐसा नहीं हो पाया था। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कांग्रेस देश के हृदय मध्य प्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है। उन्होंने लिखा कि राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर प्रतिबंध लगाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है।
अमित शाह ने लिखा कि वंदे मातरम मात्र एक गीतभर नहीं होकर यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक और प्रत्येक भारतीय का प्रेरणाबिंदू है। उन्होंने लिखा कि वंदे मातरण में संपूर्ण भारत की रागात्मक अभिव्यक्ति समाहित है। उन्होंने लिखा कि वंदे मातरम पर रोक लगाकर कांग्रेस ने देश के बलिदानियों का अपमान किया है और यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात है। उन्होंने इसे देशद्रोह के समान बताया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी वंदे मातरम नहीं गाए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि उनकी पार्टी के सभी 109 विधायक 7 जनवरी को सचिवालय में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाएंगे। शिवराज सिंह की इस धमकी के बाद अब राज्य सरकार ने फिर से वंदे मातरम गाए जाने का फैसला किया है।