नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के रतलाम में सुखेड़ा राजमहल का एक हिस्सा सोमवार रात ढह गया। राजमहल की राजमाता ज्योति कुंवर मलबे की चपेट में आ गई। लोगों ने मलबे से निकालकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां उनकी मौत हो गई। ये हादसा सुखेड़ा गांव में महल की दीवार गिरने से हुआ। सुखेड़ा गांव में मौजूद ये मेलवाड़ा महल काफी पुराना था और जानकारी के मुताबिक महल की हालत भी जर्जर हो चुकी थी। इसी वजह से पूरा परिवार कही और रहता था लेकिन राजमाता ने महल छोड़ने से इंकार कर दिया था।
राजमाता की इस तरह मौत से पूरे सुखेड़ा गांव में मातम छा गया है। खबरों के मुताबिक दीवार ढहने से मलबे में कई गाड़ियां भी दब गईं जिन्हें जेसीबी से निकालने की कोशिश की जा रही है। हादसे के वक्त वे घर पर अकेली थीं। उनके पुत्र गजराजसिंह डोडिया का उदयपुर में प्रॉपर्टी का बिजनेस है।
सुखेड़ा आसपास के 21 राजपूत ठिकानों का गढ़ है। ज्योतिकुंवर डोडिया अकेलीं रहती थीं। सोमवार शाम घर का काम निपटाने के बाद कर्मचारी चले गए। रात 8 बजे राजमहल के आगे का हिस्सा भरभरा कर गिर गया। पड़ोस में रहने वाली रानी की कर्मचारी कमलाबाई ने यह देख शोर मचाया और ग्रामीणों को सूचना दी।
ग्रामीणों ने मलबा हटाकर दरवाजे के पास से ज्योतिकुंवर डोडिया को निकाला। एम्बुलेंस से उन्हें प्राथमिक स्वास्थ केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।