इंदौर (मध्यप्रदेश): कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों के अस्पताल से फरार होने के हालिया मामलों से मचे हड़कंप के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। इन अस्पतालों के परिसर में निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, "शहर के जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया है, वहां निगरानी बढ़ाई गई है। वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अस्पतालों से कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के भागने के मामलों की अब पुनरावृत्ति नहीं होगी।" डीआईजी ने कहा कि अगर कोई कोरोना वायरस संक्रमित मरीज अस्पताल से फरार होता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) और धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
गौरतलब है कि कोराना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति और इस महामारी का एक संदिग्ध मरीज यहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को गच्चा देकर एक सरकारी अस्पताल से शनिवार देर रात भाग निकले थे। इस घटना को लेकर मचे हड़कंप के बाद दोनों मरीजों को पुलिस की मदद से पकड़कर रविवार को दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से एक मरीज दो बार अस्पताल से भाग चुका है।