नई दिल्ली: मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में रेत का अवैध खनन जारी है। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में रेत के अवैध खनन का काम जोर-शोर से चल रहा है। अवैध खनन और परिवहन के चलते आए दिन लोगों की जान जाती रहती हैं। दिखावे के लिए प्रशासन कार्रवाई तो करता है लेकिन रेत माफियाओं के आगे वह कार्रवाई कुछ भी नहीं। भिंड जिले में चंबल और सिंध नदी में बड़ी मात्रा में रेत के भंडार उपलब्ध हैं। हालांकि चंबल नदी में चंबल सेंचुरी बनाए जाने के बाद से रेत के उत्खनन पर रोक लगा दी गई थी लेकिन फिर भी चोरी छिपे चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। वहीं सिंध नदी से तो रेत माफिया ने उत्खनन की सारी हदें पार कर दी हैं। दिन में मजदूरों के द्वारा तो वहीं रात में मशीनों के द्वारा अवैध उत्खनन जोर शोर से किया जाता है।
अवैध उत्खनन और परिवहन में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत की बातें भी सामने आती रहती हैं। कई बार ऑडियो भी वायरल हुए हैं जिनमें रेत माफिया और पुलिस की सांठगांठ का खुलासा हुआ है।
अवैध उत्खनन और परिवहन के चलते हो रही मौतों के बाद दबाव में पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्यवाही तो की जाती है लेकिन थोड़ा सा जुर्माना लगाकर वाहनों को छोड़ दिया जाता है। जिससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं। 26 मार्च को भी एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी। जिस पत्रकार की मौत हुई थी उसने दो पुलिस अधिकारियों के स्टिंग कर रेत के अवैध कारोबार का खुलासा किया। उसके बाद से पुलिस प्रशासन थोड़ा सक्रिय हुआ था। नतीजा यह है कि नवागत कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता ने पिछले एक महीने में रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोडेड वाहनों पर लगभग एक करोड़ रुपए का जुर्माना किया है।
भिण्ड जिले में पिछले 3 महीने में रेत का उत्खनन करने के दौरान रेत के टीले धंसकने से 4 मजदूरों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं रेत से ओवरलोडेड वाहनों के नीचे कुचलकर कई लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। बुधवार को भी गिट्टी से भरे एक ट्रक से कुचलकर एक व्यक्ति की मौत गोहद थाना क्षेत्र में हुई है।
रेत के इस काले कारोबार की तह तक पहुंचने के लिए हमारी टीम जान जोखिम में डालकर रेत की खदानों तक पहुंची। जहां पर दिन में ट्रेक्टरों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। अवैध उत्खनन के लिए नदी की धारा को ही रोक दिया गया है। जगह जगह गड्ढे कर दिए गए हैं। दिन में नदी से रेत निकालकर ट्रैक्टरों के जरिए बाहर मुख्य सड़क पर एकत्रित कर लिया जाता है और उसके बाद रात के समय ट्रकों और डंपरों में भरकर रेत को उत्तर प्रदेश पहुंचा दिया जाता है। पिछले सप्ताह की गई कार्यवाही में एक ही दिन में 250 ट्रकों पर ओवरलोडिंग के तहत कार्यवाही की गई थी, जिन पर लगभग एक करोड़ का जुर्माना अभी तक किया जा चुका है।