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मप्र: चित्रकूट से 12 दिन पहले अगवा हुए जुड़वां भाइयों की हत्या, शव यमुना नदी में मिले

मध्य प्रदेश के सतना जिले से 12 दिन पहले अगवा किए गए तेल कारोबारी के जुड़वा बच्चों की हत्या कर दी गई है। दोनों बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में मिले हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : February 24, 2019 17:12 IST
चित्रकूट से 12 दिन पहले...
चित्रकूट से 12 दिन पहले अगवा हुए जुड़वां भाइयों की हत्या

सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले से फिरौती के लिए अगवा मासूम जुड़वा भाइयों प्रियांश एवं श्रेयांश रावत (दोनों छह साल) का शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में बरामद किए गए हैं। इस अपहरण और हत्याकांड में शामिल छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इसे लेकर सतना में लोगों ने सड़क पर उतर का प्रदर्शन किया। सतना में रीवा परिक्षेत्र के पुलिस महानिदेशक चंचल शेखर ने संवाददाताओं से रविवार को दो जुड़वा भाइयों की हत्या की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस पूरी वारदात में शामिल हैं।

तेल कारोबारी बृजेश रावत के दोनों बेटों के शव पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। ये शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी से बरामद किए गए। दोनों बच्चों की हत्या 20 फरवरी की रात को ही कर दी गई थी। अगवा बच्चों की हत्या की जानकारी लगते ही रविवार को लोग सड़कों पर उतर आए और विरेाध प्रदर्शन किया। पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े साथ ही हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

गौरतलब है कि 12 फरवरी को चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल की बस से लौटते समय दोनों बच्चों का हथियार बंद लोगों ने अपहरण कर लिया था। पुलिस ने शुरुआत में दर्दनाशक तेल का व्यवसाय करने वाले फरियादी बृजेश रावत से जुड़ी व्यावसायिक एवं पारिवारिक प्रतिद्वंद्विता को आधार मानकर अपहर्ताओं की तलाश का प्रयास किया, लेकिन अपहर्ताओं का पता नहीं चला।

पुलिस के अनुसार, अपहर्ताओं ने घटना के दो दिन बाद बृजेश रावत को फोन करके दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। जब इस फोन के बारे में जानकारी पता की गई तो पता चला कि यह उत्तर प्रदेश के बांदा से आया है। यह फोन एक राहगीर का था, जिसे आरोपियों ने मदद के तौर पर मांगा था और उसी फोन से फिरौती मांगी गई।

पुलिस के अनुसार, जिस राहगीर वसंता वर्मन के फोन का आरोपियों ने उपयोग किया था, उसकी मदद से फिरौती मांगने वालों का स्केच तैयार कराया गया, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चला। इस बीच फरियादी के पास फिरौती के लिए कई फोन आए, हर बार आरोपियों ने फिरौती के लिए राह चलते लोगों के फोन का उपयोग किया। आरोपियों ने इस दौरान पीड़ित पक्ष से 20 लाख रुपये की फिरौती भी ली। पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर के अनुसार, उनके लिए आरोपियों तक पहुंचने में एक राहगीर ही मददगार बना। राहगीर ने शक होने पर आरोपियों की मोटरसाइकिल की तस्वीर खींच ली। यह मोटरसाइकिल उत्तर प्रदेश की थी। पुलिस इसी तस्वीर के सहारे रोहित द्विवेदी तक पहुंची। उसके बाद पुलिस ने राजू द्विवेदी, पद्म शुक्ला, लकी सिह को गिरफ्तार किया।

उन्होंने कहा कि आरोपी पद्म शुक्ला व लकी सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बच्चों के द्वारा उन्हें पहचान लेने के डर से ही हत्या कर शवों को यमुना नदी में फेंक दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने शवों को बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 20 लाख रुपये, घटना में प्रयुक्त किया गया कट्टा, तीन मोटरसाइकिल और बोलेरो वाहन को जब्त किया गया है।

गौरतलब है कि बृजेश रावत मूलरूप से उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के कर्बी थाना के सीतापुर के निवासी हैं। उनके दोनों बच्चे वहां से सतना जिले में स्थित सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ने आते थे। जब वे बस से घर को लौट रहे थे, इसी दौरान उनका अपहरण हो गया था।

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