छिंदवाड़ा (मप्र): छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया, लेकिन जब मुर्दाघर में उसका पोस्टमॉर्टम करने चिकित्सक एवं स्वीपर पहुंचे, तो वह जीवित था।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील दुबे ने बताया, ‘‘छिंदवाड़ा शहर के प्रोफेसर कालोनी निवासी हिमांशु भारद्वाज (24) को आज सुबह अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर मुर्दाघर में पोस्टमॉर्टम में रखवा दिया था। तभी हिमांशु ने उसकी पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहे स्वीपर का हाथ पकड़ लिया। स्वीपर ने तत्काल पोस्टमॉर्टम के लिए आ रहे डॉक्टर को इसके बारे में बताया। इसके बाद उसका उपचार शुरू किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह अब होश में है। उसे बेहतर इलाज के लिए नागपुर भेजा गया है।’’ उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
दुबे ने बताया कि हिमांशु भारद्वाज का चार मार्च को यहां दुर्घटना में गंभीर चोटें आई थीं। उस दिन भी उसे नागपुर भेजा था, जहां डॉक्टरों ने उसे ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर हमारे पास वापस भेज दिया था। आज सुबह जब वह यहां पहुंचा तो उसकी पल्स जांच की गई। उस समय उसके पल्स नहीं चलने के चलते उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था।
इस संबंध में पीड़ित के परिजन संतोष राजपूत ने सरकार से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।