भोपाल. ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने विधायकों के साथ बैठक की। भाजपा के विधायक बैठक खत्म होने के बाद पार्टी कार्यालय के पास खड़ी बसों में सवार होकर भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से भाजपा चार्टर्ड प्लेन के जरिए अपने विधायकों को मध्य प्रदेश से बाहर लेकर जा रही है। भाजपा के विधायक कहां जा रहे यह स्पष्ट नहीं है। कुछ विधायकों ने बताया कि वो दिल्ली जा रहें हैं, तो कुछ ने बेंगलुरु की बात कही।
रात को ये खबर भी आई कि कांग्रेस अपने विधायकों को बुधवार को जयपुर लेकर जाएगी। इसके अलावा कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह अपने विधायकों को मनाने के लिए बेंगलुरु रवाना हो गए। हालातों को संभालने के लिए राजधानी दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, हरीश रावत और दीपक बाबरिय भोपाल के लिए रवाना हुए, उनके देर रात भोपाल पहुंचने की उम्मीद है।
मीडिया से बातचीत में भाजपा के विधायक विजय शाह ने कहा, "हम सब होली और रंगपंचमी का त्योहार मनाने जा रहे हैं। कमलनाथ सरकार का पाप का घड़ा अब भर चुका है और 16 तारीख़ को जिस दिन फुटेगा उस दिन फिर मक्खन खाने आएंगे। यहां से बेंगलुरु या दिल्ली जाएंगे।" पार्टी सूत्रों ने दावा किया है कि सभी विधायकों को प्लेन से दिल्ली ले जाया जाएगा।
भाजपा के जनरल सेक्रेटरी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि गलतफ़हमी में जी रहे हैं कांग्रेस के लोग। कांग्रेस में फूट के कारण प्रदेश की राजनीति में अस्थिरता आई है और विशेषकर अहंकार और भ्रष्टाचार इसका मूल कारण है। जिस अहंकारी तरीके से कमलनाथ जी मुख्यमंत्री के पद का संचालन कर रहे थे और जिस प्रकार का भ्रष्टाचार हो रहा था। उससे आम कार्यकर्ता और आम विधायक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। ये शुरूआत है सिंधिया जी की जो अन्य प्रदेशों में भी जाएगी।
कांग्रेस करेगी विधानसभा में बहुमत साबित: मंत्री
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद मध्यप्रदेश में मची सियासी उथल-पुथल के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंगलवार शाम को निर्णय लिया गया है कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। कांग्रेस के एक मंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि इस बैठक में सरकार को समर्थन देने वाले चार निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए थे। इससे कांग्रेस को थोड़ा और बल मिला है।
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार को समर्थन कर रहे बसपा के दो विधायक एवं सपा का एक विधायक इस बैठक से नदारद रहा। यह सत्तारूढ़ दल के लिए दुखद रहा। मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उठे सियासी बवंडर के बीच बसपा एवं सपा के दो विधायक मंगलवार को यहां भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिलने उनके निवास पर गये थे। इसलिए चौहान के साथ उनकी इस मुलाकात को बदलते राजनीतिक परिदृश्य से देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ एवं विधायक एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे। मंत्री ने कहा ‘‘सरकार को कोई खतरा नहीं है। जब भी स्थिति आयेगी, हम सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि करीब 100 विधायक इस बैठक में शामिल हुए, जिनमें से चार निर्दलीय हैं।
इसी बीच, मंत्री पी सी शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं थे, मुख्यमंत्री का कहना है कि उनसे संपर्क किया गया है। उन्होंने कहा है कि इन विधायकों को गुमराह कर ले जाया गया है। शर्मा ने बताया कि नदारद हुए इन विधायकों ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें ले जाया गया था और धोखा देकर उनसे इस्तीफे में साइन कराये गये हैं। उन्होंने कहा,‘‘हम विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे।’’
इनपुट- भाषा