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महाराष्ट्र के पालघर में एक हफ्ते में दूसरी बार लगे भूकंप के झटके, दहशत में लोग

महाराष्‍ट्र के पालघर जिले में एक सप्ताह में दूसरी बार भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं। मंगलवार देर रात पालघर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 29, 2020 7:43 IST
Earthquake- India TV Hindi
Image Source : PTI Earthquake

महाराष्‍ट्र के पालघर जिले में एक सप्ताह में दूसरी बार भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं। मंगलवार देर रात पालघर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर ऑफ सीस्‍मोलॉजी (NCS) ने बताया कि पालघर में रात 1.19 बजे भूकंप आया। रिक्‍टर स्‍केल पर यह भूकंप 2.8 तीव्रता का दर्ज किया गया। इससे पहले 24 जुलाई को पालघर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।उस दिन भी पालघर में आधी रात के बाद रात को झटके लगे थ रिक्टर पैमाने पर उन झटकों की तीव्रता 3.1 मापी गई थी और भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर अंदर था। गनीमत रही कि हर बार भूकंप की तीव्रता कम रही।

बता दें कि पिछले कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के झटके रह-रहकर महसूस किए जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में रह-रहकर लगातार झटके आते रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय के आसपास धरती के नीचे काफी उथल-पुथल हो रही है, इस कारण भूकंप आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने बड़े भूकंप की चेतावनी भी जारी की है।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  1. 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  2. 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  3. 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  4. 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  5. 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  6. 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  7. 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  8. 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  9. 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

भूकंप आने पर क्‍या करें, क्या न करें

  1. भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
  2. बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  3. कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
  4. भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
  5. अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
  6. कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
  7. खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
  8. गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

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